पचास प्रत्याशी और उनके खर्चे व कुल मिले वोटर्स को हिसाब निकाले तो एक वोट की कीमत दोनों पार्टियों को पांच से छह रुपए पड़ी है। राजसथान में 25 सीटों पर चुनाव हुए हैं। इनमें से 11 सीट कांग्रेस और गठबंधन ने जीती है और बाकि 14 सीट भाजपा के खाते में आई है। इस बार चुनाव आयोग ने खर्च की सीमा 95 लाख रूपए तक तय की है। कोई भी उम्मीदवार इससे ज्यादा पैसा नहीं खर्च कर सकता। किसी ने इससे ज्यादा पैसा खर्च भी नहीं किया।
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कांग्रेस पार्टी के तमाम नेताओं ने मिलकर, जिनमें गठबधंन वाले नेता भी शामिल हैं। इन्होंने 8 करोड़, 39 लाख, 17 हजार 704 रूपए चुनाव में खर्च किए हैं। इन्हें एक करोड़ 38 लाख 66 हजार 942 वोट मिले हैं। प्रति वोट शेयर की बात की जाए तो पार्टी को एक वोट के लिए 6 रूपए और पांच पैसे कीमत चुकानी पड़ी है। कांग्रेस के जीते हुए उम्मीदवारों की बात की जाए तो पार्टी के 11 जीते हुए नेताओं ने तीन करोड़, 43 लाख रूपए से ज्यादा खर्च किए हैं और उनको 68 लाख 67 हजार 210 वोट मिले हैं। हारने वाले नेताओं ने 4 करोड़ 95 लाख रूपए से ज्यादा पैसा खर्च कर दिया, लेकिन उसके बाद भी उनको हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इतना खर्च और हार होने के बाद भी पार्टी और संगठन खुश है। इसका कारण है कि दस साल का सूखा खत्म हुआ है और पार्टी संगठन के खाते में 11 सीटें आई हैं।
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बात अब
भाजपा की। पार्टी ने इस बार भी सरकार बनाई है और
राजस्थान में भी जीत दर्ज की है। इस बार पार्टी के सभी 25 प्रत्याशियों ने मिलकर 9 करोड़, 78 लाख, 42 हजार, 138 रुपए खर्च किए और पार्टी को 1 करोड़, 66 लाख, 95 हजार 78 वोट मिले हैं। पार्टी के नेताओं को एक वोट के लिए 5 रुपए और 86 पैसे की कीमत चुकानी पड़ी है। जीते हुए उम्मीदवारों की बात की जाए तो चौदह भाजपा नेताओं ने सांसद बनने के लिए कुल 5 करोड़, 18 लाख, 36 हजार, 336 रुपए खर्च किए हैं और इन नेताओं को 1 करोड़ 56 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं। पार्टी ने इस बार भी जीत दर्ज की है, लेकिन उसके बाद भी संगठन नाखुश है, क्योंकि इस बार पार्टी ने क्लीन स्वीप नहीं करते हुए 11 सीटें गवां दी हैं। पार्टी के हारने वाले 11 नेताओं ने चार करोड़, साठ लाख से भी ज्यादा खर्च किया है।