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चीन को चुनौती देने अब आ रहा है जोरावर, स्वदेशी लाइट टैंक का पहला परीक्षण सफल

स्वदेशी जोरावर लाइट टैंक का शुक्रवार को भारत के रेगिस्तानी क्षेत्र में परीक्षण किया गया। दो साल तक परीक्षण होने के बाद 2027 तक इसे भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।

नई दिल्लीSep 13, 2024 / 09:45 pm

Anand Mani Tripathi

DRDO के स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर का परीक्षण सफल रहा। रेगिस्तान में हुए पहले ही परीक्षण में टैंक ने सटीकता के साथ इच्छित लक्ष्य को भेदने में सफल रहा। इसके साथ ही अब भारत की तेज़ बख्तरबंद लड़ाकू वाहन की तलाश पूरी हो गई। चीन से सटी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में उच्च ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों हों या फिर पाकिस्तान से सटा कच्छ का रण। जोरवार का जोर अब हर जगह भारी पड़ेगा।
अब जोरावर के साथ तेजी से सैनिक आवागमन कर सकेंगे। 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर इन्हें बहुत ही आसानी से ले जाया जा सकेगा। यहां टी-72 और टी-90 जैसे भारी टैंकों को पहुंचने में मुश्किल होती थी। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. कामत ने बताया कि अगले छह महीनों में विकास परीक्षणों से गुजरेगा और फिर भारतीय सेना को दिसंबर तक उपयोगकर्ता परीक्षण के लिए सौंप दिया जाएगा।

अभी चीन को घेरने के लिए तैनात हैं भारी टैंक

भारतीय सेना ने चीन को चौतरफा घेरने के लिए एलएसी पर 40 से 50 टन वजन वाले रूसी मूल के भीष्म टी-90, टी-72 अजय और मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन भी तैनात कर रखा है। लद्दाख के ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए सेना के जवानों को कई दर्रों से गुजरना पड़ता है।

25 टन से कम वजन के बनाए जाएंगे 354 टैंक

एलएंडटी ने डीआरडीओ के सहयोग से 354 टैंकों का निर्माण करेगा। इसका वजन 25 टन से कम रहेगा। 2021 के अंत तक 59 का निर्माण करने के लिए हरी झंडी दे दी गई है। इसे के-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टी 155 मिमी. की चेसिस पर तैयार किया जाएगा। गुजरात के हजीरा में एलएंडटी के प्लांट में के-9 वज्र टैंक भी तैयार​ किया गया है।
India Conducts Successful Trials Of "Highly Versatile" Light Tank Zorawar

2027 तक होगा सेना में शामिल, ढाई साल तक चलेगा परीक्षण

स्वदेशी टैंक जोरावर के परीक्षण में अभी दो साल लगेंगे। इसके बाद 2027 तक इसे सेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। ये सभी टैंक हल्के होने के साथ-साथ बेहतर मारक क्षमता और सुरक्षा प्रदान करने वाले होंगे।

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