आमेर शिला माता मंदिर में सुबह घट स्थापना की गई। माता की विशेष पूजा—अर्चना की गई। मंदिर दर्शनार्थियों के लिए बंद रहा, जिससे मंदिर में नवरात्र में लगने वाली भक्तों की कतार इस बार नहीं लगी। मंदिर पुजारी बनवारी शर्मा ने बताया कि 23 अक्टूबर केा रात 10 बजे निशा पूजा होगी। 24 अक्टूबर को शाम 4.30 बजे नवरात्र पूर्णाहुति होगी। मंदिर दर्शनार्थियों के लिए 31 अक्टूबर तक बंद रहेगा।
पंचवटी सर्किल स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में नवरात्र स्थापना के बाद महाआरती की गई। भक्तों ने सिर्फ माता के दर्शन किए, प्रसाद चुनरी व नारियल नहीं चढ़ा पाए। वैष्णो देवी सेवा समिति के अध्यक्ष सुभाष भाटिया ने बताया कि नवरात्र में मंदिर के दर्शन का समय प्रतिदिन सुबह 6.30 बजे से 11.30 बजे तक और शाम 5.30 बजे से रात 8.30 बजे तक रहेगा।
दुर्गापुरा स्थित दुर्गामाता मंदिर में महंत महेन्द्र भट्टाचार्य के सान्निध्य में सुबह घट स्थापना के बाद देवी का फूलों से श्रृंगार कर आरती की गई। दर्शनार्थियों ने 20 फीट दूरी से मातारानी के दर्शन किए। नवरात्र में श्रद्धालु सुबह 6 से दोपहर 12 तथा शाम 4 से रात्रि 8 बजे तक दर्शन कर सकेंगे।
नवाह्नपारायण पाठ शुरू श्रीखोले के हनुमान मंदिर में शारदीय नवरात्र घट स्थापना के बाद अखण्ड वाल्मीकि रामायण के पाठ शुरू हुए। रोजाना शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक नवाह्न पारायण के पाठ होंगे। श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि सुबह हनुमानजी महाराज का दुग्धाभिषेक कर सिंदूर चौला चढ़ाया गया। नवीन पोशाक धारण कराई गई। मंदिर रोजाना सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक तथा शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक दर्शनार्थ खुला रहेगा।