दरअसल, पायलट की पत्नी सारा अब्दुल्लाह पायलट ने अपने भाई एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिए जाने को लेकर चुनौती दी है। अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने गत सोमवार को याचिका दायर की थी। उनकी ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ( Kapil Sibbal ) ने मामले का विशेष उल्लेख उसी दिन न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष किया था, जिसके बाद आज सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध किया था।
एक न्यायमूर्ति हुए सुनवाई से अलग
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। न्यायमूर्ति एन वी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई खंडपीठ में शामिल न्यायमूर्ति एम एम शांतानगौदार ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कहा, ” मैं इस मामले की सुनवाई से खुद को अलग करता हूं।” अब मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी।
इससे पहले कपिल सिब्बल ने कोर्ट आकर दोबारा निवेदन किया था कि वह गुरुवार को बहस के लिए उपलब्ध नहीं है, फिर न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला किया।
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला पांच अगस्त, 2019 से सीआरपीसी की धारा 107 के तहत हिरासत में हैं। इस कानून के तहत उमर अब्दुल्ला की छह महीने की एहतियातन हिरासत अवधि गत गुरुवार यानी पांच फरवरी 2020 को खत्म होने वाली थी, लेकिन सरकार ने उन्हें फिर से पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया है।