जयपुर
आईयूसीएन ने लुप्त होते प्राणियों की श्रेणी में रखे गए कई परिंदे नजर आए जवाहर कला केंद्र में चल रही राजस्थान की जानी मानी पर्यावरणविद और वन्यजीव फ़ोटोग्राफऱ डॉक्टर आशा शर्मा की पहली सोलो एग्जिबिशन ‘शाहीन’ में। जवाहर कला केंद्र में चल रही इस प्रदर्शनी का रविवार को समापन हुआ। शाहीन में डॉ. आशा द्वारा खींचे गए आसमान के शिकारी पक्षी रेप्टर्स के दुर्लभ चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। जिसमें पैराग्रीन फाल्कन, शाकेर फाल्कन, यूरेशिंयन हॉबी, मर्लिन, वाइट आइड बजडऱ्, कॉमन बजडऱ्, केस्ट्रेल, ब्लैक विंग काइट, ब्लैक आइड काइट, रेड नेक फ़ाल्कन, आदि यूरोप, साईबेरिया, मंगोलिया, चाइना और सेंट्रल एशिया से आए प्रवासी एवं स्थानीय दुर्लभ पक्षी शामिल हैं। है। शाहीन का उद्घाटन कोविड वॉरियर्स डॉक्टर्स ने किया था। इस अवसर पर भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अरिजीत बनर्जी,गोविंद भारद्वाज आदि उपस्थित थे।
जूलॉजी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आशा शर्मा पिछले काफी सालों से पर्यावरण संरक्षण के साथ परिंदों पर रिसर्च भी कर रही हैं। उनका कहना था कि परिंदों के प्रति इस प्यार ने मुझे फोटोग्राफी की ओर आकर्षित किया। तकरीबन दस साल पहले फोटोग्राफी करना शुरू किया। प्रदर्शनी में जो फोटोग्राफी प्रदर्शित किए गए हैं वह सभी राजस्थान की विभिन्न वाइल्ड लाइफ सेंचुरीज की ही हैं। उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी वह भी पक्षी और वन्यजीवों की करना एक चैलेंजिंग काम हैं क्योंकि उनके एक एक मूवमेंट को कैमरे में कैप्चर के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है लेकिन मेरी प्रदर्शनी को जिस तरह से लोगों की सराहना मिली है उससे उत्साहवर्धन ही हुआ है। देश के कई भागों में कई ग्रुप एग्जिबिशन में भाग ले चुकी डॉ. आशा भविष्य में भी इसी प्रकार परिंदों और पर्यावरण सरंक्षण के लिए काम करना चाहती हैं।