सदस्य कटारा ही निकला पेपर लीक मास्टरमाइंड
60 लाख में बिका था पेपर
एसओजी ने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के साथ आरपीएससी के चालक गोपाल सिंह और कटारा के भांजे विज डामोर को गिरफ्तार कर लिया। बाबूलाल कटारा को 60 लाख रुपए देकर आबू रोड के सरकारी स्कूल में उप प्रचार्य और चौमूं के कालाडेरा निवासी शेरसिंह ने पेपर खरीदा था। उसने यह पेपर 40 लाख रुपए में लीक के लिए कुख्यात भूपेंद्र सारण को बेचा था।
ईडी करेगी मनी ट्रांजेक्शन ही जांच
ईडी पेपर लीक के लिए हुए मनी ट्रांजेक्शन की पड़ताल करेगी। इसमें कई खुलासे होने की संभावना है। पड़ताल का वरिष्ठ अध्यापक पेपर लीक के साथ अन्य पेपर लीक तक जाने का अनुमान है। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती के लिए 24 दिसंबर को परीक्षा हुई थी। परीक्षा से पहले ही उदयपुर पुलिस ने पेपर लीक मामले का खुलासा करते हुए 55 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी बस से पेपर देने जा रहे थे।
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सांख्यिकी विभाग में था कटारा
बाबूलाल कटारा सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग में कार्यरत था। फिर उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाडा, डूंगरपुर, सागवाड़ा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया।
₹51 लाख व जेवर हो चुके बरामद
एसओजी कटारा के ठिकानों से 60 लाख में से 50.20 लाख व 541 ग्राम सोने के जेवर बरामद कर चुकी है। इस मामले में गिरफ्तार कटारा के भांजे विजय के घर से सोने का कड़ा बरामद किया है। यह कड़ा शेर सिंह ने मदद के बदले दिया था। अब ईडी सभी लेनदेन की पड़ताल करेगी।