भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बार नहीं दिखे। इनमें प्रतिपक्ष के नेता रहे राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता रहे सतीश पूनिया इस बार सदन में नहीं है। राठौड़ तारानगर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के नरेन्द्र बुढानिया ने हराया है। राठौड़ सात बार से लगातार विधायक बनते आ रहे थे। इसी तरह साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने सतीश पूनिया आमेर सीट से कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से मात खा गए।
स्पीकर भी हार गए चुनाव: विधानसभा स्पीकर रहे सीपी जोशी और कैलाश मेघवाल भी चुनाव हार गए। जोशी नाथद्ारा और मेघवाल भीलवाड़ा की शाहपुरा सीट से चुनाव हारे है। मेघवाल को तो इस बार भाजपा ने टिकट भी नहीं दिया था और वे निर्दलीय ही मैदान में उतरे थे। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला, रघु शर्मा, महेश जोशी भी सदन में नहीं है। ये तीनों मंत्री भी रह चुके थे। इसमें कल्ला और शर्मा तो चुनाव हारे जबकि जोशी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था।
किरोड़ी-बेनीवाल का कम बैक
सांसद से विधायक बने डॉ किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल की एक बार फिर से राजस्थान विधानसभा में वापसी हुई है। मीणा तो इस बार भाजपा के टिकट पर जीत कर आए है वहीं बेनीवाल अपनी खुद की पार्टी रालोपा से जीतकर विधायक बने है। इनके साथ ही पूर्व सांसद राज्यवर्धन राठौड़, दिया कुमारी और बाबा बालकनाथ भी विधायक बने है। इनमें राठौड़ और बालकनाथ पहली बार विधायक बने है।
73 नए विधायक बैठेंगे सदन में :
राजस्थान विधानसभा में इस बार 35 फीसदी नए चेहरे नजर आएंगे। 199 सीट पर हुए चुनाव में 73 प्रत्याशी ऐसे जीतकर आएं हैं जो पहली बार सदन में बैठेंगे। इनमें भाजपा के 45, कांग्रेस के 21, पांच निर्दलीय और दो विधायक भारतीय आदिवासी पार्टी से है। इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं।