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जयपुर

राजस्थान विधानसभा में बदल गई कांग्रेस और भाजपा की भूमिका

राजस्थान में नई विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हुआ।

जयपुरDec 20, 2023 / 05:40 pm

rahul

राजस्थान विधानसभा में बदल गई कांग्रेस और भाजपा की भूमिका

राजस्थान विधानसभा में बदल गई कांग्रेस और भाजपा की भूमिका

राजस्थान में नई विधानसभा का पहला सत्र बुधवार से शुरू हुआ। इसमें नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया गया। नई विधानसभा में अब कांग्रेस और भाजपा की भूमिका बदल गई है। पिछले पांच साल तक सत्ता में बैठी कांग्रेस अब विपक्ष और भाजपा सत्तापक्ष में बैठी। राजस्थान में पिछले 30 साल से हर पांच साल बाद सरकार बदलने की परंपरा बरकरार है।
नहीं दिखे ये दिग्गज नेता:
भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता इस बार नहीं दिखे। इनमें प्रतिपक्ष के नेता रहे राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता रहे सतीश पूनिया इस बार सदन में नहीं है। राठौड़ तारानगर सीट से विधानसभा चुनाव हार गए। उन्हें कांग्रेस के नरेन्द्र बुढानिया ने हराया है। राठौड़ सात बार से लगातार विधायक बनते आ रहे थे। इसी तरह साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक बने सतीश पूनिया आमेर सीट से कांग्रेस के प्रशांत शर्मा से मात खा गए।
कटारिया बन गए थे राज्यपाल-

विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बना दिया गया था। वे उस वक्त विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे और गहलोत सरकार के खिलाफ सदन में आक्रामक तरीके से आवाज उठाते थे। कटारिया भाजपा की सरकारों में मंत्री भी रहे है और उनके पास महत्वपूर्ण विभाग भी रह चुके है।

स्पीकर भी हार गए चुनाव:

विधानसभा स्पीकर रहे सीपी जोशी और कैलाश मेघवाल भी चुनाव हार गए। जोशी नाथद्ारा और मेघवाल भीलवाड़ा की शाहपुरा सीट से चुनाव हारे है। मेघवाल को तो इस बार भाजपा ने टिकट भी नहीं दिया था और वे निर्दलीय ही मैदान में उतरे थे। इसी तरह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला, रघु शर्मा, महेश जोशी भी सदन में नहीं है। ये तीनों मंत्री भी रह चुके थे। इसमें कल्ला और शर्मा तो चुनाव हारे जबकि जोशी को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था।
गहलोत सहित धारीवाल और डोटासरा मौजूद-

कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा सदन में रहेंगे। गहलोत लगातार छठीं बार व डोटासरा चाैथी बार विधायक बने है। इसके साथ ही हरीश चौधरी भी फिर से विधायक बने है। ऐसे में सदन में कांग्रेस की बागडोर इनके कंधों पर ही रहेगी।

किरोड़ी-बेनीवाल का कम बैक
सांसद से विधायक बने डॉ किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल की एक बार फिर से राजस्थान विधानसभा में वापसी हुई है। मीणा तो इस बार भाजपा के टिकट पर जीत कर आए है वहीं बेनीवाल अपनी खुद की पार्टी रालोपा से जीतकर विधायक बने है। इनके साथ ही पूर्व सांसद राज्यवर्धन राठौड़, दिया कुमारी और बाबा बालकनाथ भी विधायक बने है। इनमें राठौड़ और बालकनाथ पहली बार विधायक बने है।

73 नए विधायक बैठेंगे सदन में :
राजस्थान विधानसभा में इस बार 35 फीसदी नए चेहरे नजर आएंगे। 199 सीट पर हुए चुनाव में 73 प्रत्याशी ऐसे जीतकर आएं हैं जो पहली बार सदन में बैठेंगे। इनमें भाजपा के 45, कांग्रेस के 21, पांच निर्दलीय और दो विधायक भारतीय आदिवासी पार्टी से है। इनमें सात महिलाएं भी शामिल हैं।

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