बैठक में जयपुर समेत प्रदेश की 24 परियोजनाओं की समीक्षा कर उन्हें जारी रखने को मंजूरी दे दी गई। वहीं तीन परियोजनाओं में खामियां दिखने पर इसकी समीक्षा करने का निर्णय किया गया। बैठक में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेशचंद मीणा ( MINISTER RAMESH CHAND MEENA ) समेत अफसरों ने भाग लिया। बैठक के बाद धारीवाल ने पत्रकारों को बताया कि ऊर्जा विभाग से सूचना जो मांगी गई थी, वो हमें नहीं मिल सकी। वितरण कंपंनियों की सूचना आई, लेकिन उत्पादन, प्रसारण समेत अन्य की सूचना नहीं आई, जिसकी वजह उन पर चर्चा नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के कुछ टेंडर्स में निर्धारित राशि से अधिक पर मंजूर किए गए थे। इसको देखने से लगता है कि भाजपा की तत्कालीन सरकार ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाया गया। इसके चलते इनकी फाइलें तलब की गई है। कुछ परियोजनाओं में देरी मिली है। लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लाखेरी के समीप मेज नदी पर एनिकट बनाने से 71 गांवों को पेयजल मिल सकता है। इस परियोजना को मंजूर करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।
-इधर, रैफल्स मामले में समिति का यू-टर्न, जारी रहेगा कृषि पाठ्यक्रम