रिपोर्ट पेश: नरेश मीना के सभी आरोप निराधार, बताए ये 6 प्रमुख आधार
1-जिले के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव-2024 के तहत मतदान दिवस पर निर्दलीय अभ्यथी नरेश मीना का चुनाव चिन्ह ईवीएम में हल्का दिखाई देने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी टोंक को देवली-उनियारा रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
2-रिपोर्ट में बताया कि मतपत्र प्रिंट किए जाने के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित चुनाव चिन्ह के लोगो का ही उपयोग किया गया है तथा सभी बैलेट पेपर राजकीय प्रेस जयपुर में छपवाए गए हैं।
3-चुनाव चिन्ह आवंटन के तुरंत बाद तैयार किए गए प्रारुप-7 क में दी गई जानकारी सभी अभ्यर्थियों को साझा की जाकर उनसे हस्ताक्षर करवाए गए तथा हस्ताक्षरित प्रारुप-7 क की एक प्रति उनको उपलब्ध करवाई जाकर कार्यालय के सूचना पट्ट पर चस्पा की गई थी।
4-प्रारूप 7 क अनुसार मतपत्र मुद्रण के लिए सहायक रिटर्निंग अधिकारी (तहसीलदार) उनियारा एवं उनके साथ दो हिंदी भाषा विशेषज्ञ को भिजवाया गया था। तत्पश्चात् राजकीय महाविद्यालय, टोंक में होने वाली ईवीएम तैयारी एवं वीवीपेट में सिंबल लोडिंग के समय भी सभी अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया था एवं निर्दलीय अभ्यर्थी नरेश मीना के निर्वाचन अभिकर्ता राकेश बैंसला भी सिंबल लोडिंग एवं ईवीएम तैयारी के समय राजकीय महाविद्यालय, टोंक में उपस्थित थे एवं उस समय तक मतपत्र में चुनाव चिन्ह के हल्के होने के संबंध में कोई आपत्ति चुनाव अभिकर्ता या अन्य किसी के द्वारा दर्ज नहीं करवाई गई थी तथा ना ही मौखिक रुप से रिटर्निंग अधिकारी देवली-उनियारा को अवगत करवाया गया था।
5- दिनांक 07.11.2024 को ईवीएम तैयारी के बाद नियमानुसार होने वाले मॉक पोल में सामान्य पर्यवेक्षक की उपस्थिति में मॉक पोल के लिए ईवीएम के चयन (अभ्यर्थी के चुनाव अभिकर्ता द्वारा चयनित मतदान केंद्र संख्या 91, 166, 208, रिजर्व क्रमांक 66) एवं मॉक पोल की सम्पूर्ण प्रक्रिया में शिकायत कर्ता अभ्यर्थी नरेश मीना के चुनाव अभिकर्ता राकेश बैंसला राजकीय महाविद्यालय, टोंक में उपस्थित थे। उस समय भी उनके द्वारा ऐसी कोई आपत्ति या शिकायत दर्ज नहीं करवाई गई थी।
6-इस समस्त घटनाक्रम से स्पष्ट है समस्त प्रक्रिया भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संपन्न की गई।