यह है वर्तमान स्थिति – बाड़मेर के पचपदरा में निर्माणाधीन है रिफाइनरी
– रिफाइनरी में 43.129 करोड़ रुपए का होगा निवेश
– रिफाइनरी की क्षमता होगी 90 लाख टन प्रतिवर्ष
– एचपीसीएल का दावा, 2022 तक होगा काम पूरा
रिफाइनरी को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही राजनीति का ही परिणाम है कि इसका शिलान्यास पहली बार सितंबर 2013 में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने और बाद में 16 जनवरी, 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (
PM Narendra Modi ) कर चुके हैं। दो बार शिलान्यास होने के बाद भी युवाओं को रोजगार और राजस्थान की पहचान आगे बढ़ाने वाली यह तेल रिफाइनरी अभी निर्माणाधीन ही है। भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित की, लेकिन उनका भी कोई खास नतीजा सामने नहीं आया है।
रिफाइनरी से यह होगा फायदा -: – 40 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 60 हजार को अप्रत्यक्ष मिलेगा रोजगार
– निर्माण के लिए अब तक 10 हजार करोड़ रुपए के टेंडर जारी
– एक हजार 348 करोड़ रुपए किया जा चुका है खर्च
– करीब 27 किमी की चारदीवारी में से 20 किमी का काम पूरा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (
Cm Ashok Gehlot ) ने गत माह रिफाइनरी की समीक्षा के दौरान कहा है कि इसे एक मॉडल रिफाइनरी के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही इसका काम समय से पूर्व पूरा करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि रिफाइनरी के लिए जोधपुर में उच्चस्तरीय कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की जाए। रिफाइनरी क्षेत्र में एक आईटीआई भी स्थापित की जाए, जहां युवाओं को पेट्रो-केमिकल एवं इससे जुड़े उत्पादों के निर्माण से संबंधित गाइडेंस और प्रशिक्षण मिल सके। रिफाइनरी के आसपास पेट्रो-केमिकल उत्पादों की खपत के लिए इंडस्ट्रीयल कॉरीडोर भी विकसित किया जाए। इससे रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।
रिफाइनरी के बढ़ते कदम -:
– 18 अप्रेल 2017 को नए सिरे से एमओयू
– 22 मई 2017 को टास्क फोर्स का गठन
– समिति ने मूलभूत जरूरतों के लिए लगातार ली बैठकें
– 16 अगस्त 2017 को केन्द्र सरकार ने परियोजना को स्वीकृति दी
– 17 अगस्त 2017 को संयुक्त उद्यम करार पर हस्ताक्षर
– 2017 में 4813 एकड़ भूमि की बाउण्ड्रीवॉल के लिए निविदा
राजस्थान में तेल रिफाइनरी की स्थापना को मंजूरी के साथ ही राज्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय शुरू हो चुका है। ये राज्य के लिए एक ऐसा पड़ाव है, जहां से राज्य को कभी पीछे देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बाड़मेर में रेत के जिन धोरों का कोई मोल नहीं था, उन्हीं धोरों पर धन बरसेगा। राजस्थान ने इस रिफाइनरी के लिए काफी इंतजार किया है। रिफाइनरी के लिए सैकड़ों लोगों ने दिन-रात प्रयास किए हैं, लेकिन राजनीतिक अड़चनों के चलते इसमें देरी हुई।
राजस्थान की रिफाइनरी में यह है खास -:
– रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ
– देश की पहली बीएस 6 मानकों वाली परियोजना
– वेस्ट पेटकोक से बनेगी 270 मेगावाट बिजली
– सहायक उद्योगों में मिलेंगे हजारों लोगों को रोजगार