नाटक में दर्शाया तिकड़म,चापलूसी, फरेब, लालच
परम्परा नाट्य समिति प्रस्तुति की ओर से शनिवार को रवींद्र मंच के मिनी थियेटर में नाटक ‘अपने अपने दांव’ का मचंन किया गा। दया प्रकाश सिन्हा लिखित इस नाटक का निर्देशन दिलीप भट्ट ने किया। नाटक में उत्तरप्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी को दर्शाया गया है।
नाटक में दर्शाया तिकड़म,चापलूसी, फरेब, लालच
रवींद्र मंच पर ‘अपने अपने दांव’ का मंचन
जयपुर।
परम्परा नाट्य समिति प्रस्तुति की ओर से शनिवार को रवींद्र मंच के मिनी थियेटर में नाटक ‘अपने अपने दांव’ का मचंन किया गा। दया प्रकाश सिन्हा लिखित इस नाटक का निर्देशन दिलीप भट्ट ने किया। नाटक में उत्तरप्रदेश के एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी को दर्शाया गया है। जिसके पात्र एक बक्से के लालच में बुआ दादी की तहे दिल से सेवा करते हैं, लेकिन दादी जो सच जानती है और अपनी सेवा कराने के लिए सबको बक्से के लालच में बांधे रखती है। हास्य व व्यंग्य से भरपूर इस नाटक में कथाकार ने तिकड़म,चापलूसी, फरेब, लालच सभी को बखूबी दर्शाया। लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने डॉयलाग से जो हास्य उत्पन्न किया उसने पूरे नाटक को और भी रोमांचित व कोतूहल व हास्य से भर दिया। नाटक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में काम करता है। लगभग चालीस वर्ष पहले लिखे गए इस नाटक की प्रासंगिकता आज भी बरकरार है। नाटक सोचने पर मजबूर करता है कि सामाजिक परिवर्तन की जो दिशा हमने पकड़ी है वो सही है या मात्र एक भटकाव है।
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