डूडी इस पूरे मामले में सीधे मुख्यमंत्री का नाम लेकर राजनीतिक हमला करने से बचे। उन्होंने बार-बार राज्य सरकार का नाम लेकर परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री को घेरने का प्रयास किया। हालांकि यह जरूर बोले कि जोशी ने वैभव गहलोत को आगे लाकर अब मुख्यमंत्री पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।
डूडी इस बात से ज्यादा आक्रोशित नजर आए कि पांच साल तक नेता प्रतिपक्ष रहने के बाद आज जब कांग्रेस की सत्ता आई तो उन्हें ना केवल एसएमएस स्टेडियम में घुसने से ही जबरन रोका गया बल्कि पुलिस ने उसे खासी धक्का-मुक्की भी की। साथ ही उनके समर्थकों पर बल प्रयोग करके उन्हें भी खदेड़ा गया। पत्रकारों से बातचीत में डूडी ने कहा कि यह महज एक खेल संघ का चुनाव था। इसमें भी राज्य सरकार ने पावर का दुरूपयोग किया। हम पर लाठियां बरसाईं। कोई सुनने वाला नहीं है। जिस प्रकार हमें बल प्रयोग करके रोका गया, वह प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है। घिनौनी हरकत है।
उन्होंने कहा कि मैं किसान का बेटा हूं। खंजर सीने पर खा सकता हूं लेकिन मेरी पीठ में खंजर घौंपा गया है। इसका बदला अब किसान और गांव-ढाणी तक के लोग लेंगे। मैं क्रिकेट में गांव-ढाणी के लोगों को आगे लाने के लिए जुड़ा था। उन्हें पीछे धकेलने का काम किया जा रहा है। फिर चाहे वे सीपी जोशी हों या राज्य सरकार। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक हमारे समर्थक जिला संघों के लिए आरसीए के ताले नहीं खुल जाते।