जानकारी के अनुसार राजस्थान के फालना निवासी नाहर सिंह मंगलवार को पत्नी पंकी देवी तथा तीन साल की बेटी के साथ 12480 बान्द्रा-जोधपुर सूर्यनगरी एक्सप्रेस में सफर कर रहे थे। उनके पास जनरल टिकट था, लेकिन पत्नी के गर्भवती होने के कारण उन्होंने टीटीई से मिलकर रिजर्वेशन कोच में सफर करने का टिकट बनवा लिया था। इसी दौरान ट्रेन जब नवसारी स्टेशन के पास से गुजर रही थी, पंकी देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। कोच संख्या एस-3 में बिना सीट सफर कर रहे दंपति ने टीटीई को इसकी जानकारी दी।
अहमदाबाद हेड क्वाटर के टीटीई बी. आर. गर्ग ने कंट्रोल मैसेज पास किया। टीटीई गर्ग ने महिला को अपनी बर्थ 7 नंबर पर बैठा दिया। इस दौरान ट्रेन में सफर कर रही अन्य महिलाएं भी मदद के लिए आगे आईं। सूर्यनगरी एक्सप्रेस वापी से रवाना होने के बाद सीधे सूरत ठहरती है। सूरत स्टेशन पर मैसेज के आधार पर इमरजेंसी डॉक्टरों की टीम बुला ली गई थी। इस बीच पंकी देवी ने ट्रेन में ही नवजात बच्ची को जन्म दिया।
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ट्रेन के सूरत पहुंचते ही डॉक्टरों तथा रेलवे सुरक्षा बल की महिला जवान कोच में पहुंच गईं। ट्रेन से महिला को सूरत में ही उतार कर ट्रेन रवाना कर दी गई। पंकीदेवी को 108 एम्बुलेंस में स्मीमेर अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की गई। रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ महिला जवान नवजात को पिंक कपड़े में लपेट कर उतरी तो यात्रियों को हुजूम उसे देखने के लिए उमड़ पड़ा। रेलवे पुलिस की महिला और एलसीबी के जवानों ने पंकीदेवी को उठाकर एम्बुलेंस तक पहुंचाया। स्मीमेर अस्पताल में मां व बच्ची दोनों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
सूरत रेलवे स्टेशन से मां और नवजात को अस्पताल भिजवाने के बाद सूरत रेलवे स्टेशन से सीएमआई आर.आर. शर्मा और डिप्टी एसएस कॉमर्शियल आनंद शर्मा दोनों के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए स्मीमेर अस्पताल पहुंचे। पंकी देवी के पति नाहर सिंह ने कहा कि मुश्किल घड़ी में रेलवे ने जो मदद की है, वह जिंदगी भर याद रहेगी।