भाजपा विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कृषिमंत्री से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर पूछा था कि योजना के तहत किसान, केंद्र और राज्य सरकार की क्या हिस्सेदारी है और रबी, खरीफ की फसल के पेटे सरकार ने कितनी राशि जमा करवाई और कितनी राशि शेष है। जिस पर कृषिमंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि योजना में रबी की फसल के लिए ऋणी किसानों को अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 तक जानकारी अपलोड करनी थी और इस दौरान 37 लाख 82 हजार किसानों ने बीमा विवरण ऑनलाइन अपलोड किया। बीमा प्रीमियम पेटे केंद्र सरकार को 1430.02 करोड़ और राज्य सरकार द्वारा भी इतनी ही राशि देनी थी।
राज्य सरकार ने कुल 53.08 करोड़ रुपए का भुगतान बीमा कंपनी को किया है। जिस पर राठौड़ ने आपत्ति करते हुए कहा कि खरीफ और रबी की फसल को मिलाकर सरकार का कुल 2168.77 करोड़ रुपए का प्रीमियम शेष है इसकी वजह से किसानों को क्लेम मिलने में परेशानी होगी। जिस पर मंत्री ने कहा कि पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है जिसमें से सौ करोड़ रुपए का भुगतान बीमा कंपनी को कर दिया गया है और चार सौ करोड़ रुपए भी दिए जाएगें। इसके बाद शेष राशि दिए जाने की कोशिश होगी। इस पर विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी भुगतान को लेकर सवाल किया और हंगामे के बीच मंत्री ने जवाब दिया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ठ भाजपा विधायकों ने सांकेतिक बहिष्कार किया।