राजस्थान में मंत्री और विधायक बेलगाम होते जा रहे हैं। भले ही उन्हें इस बात का अंदाज़ा रहता है कि जनप्रतिनिधि होते हुए उनके ये बिगड़े बोल जनता के बीच अच्छा सन्देश नहीं देंगे, लेकिन फिर भी वो ऐसा करने से गुरेज़ नहीं कर रहे हैं। बीते 24 घंटे के दरम्यान ही सत्ताधारी बीजेपी पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं के विवादित बयान सामने आये। पहला बयान आया अलवर के विधायक ज्ञानदेव आहूजा की ओर से तो वहीं ठीक कुछ समय बाद मंत्री हेम सिंह भड़ाना के विवादित बोल का वीडियो सार्वजनिक हुआ।
गोतस्करी-गोकशी करोगे तो यूं ही मरोगे: आहूजा राजस्थान बीजेपी की वरिष्ठ विधायक ज्ञानदेव आहूजा का ताज़ा विवादित बयान आया गोतस्करी और गोहत्या से जुड़े मामले में आई उनकी प्रतिक्रिया में। आहूजा ने दो टूक शब्दों में कहा कि जो कोई भी गो-वध या गोतस्करी में शामिल होगा उसे इसी तरह से मार डाला जाएगा।
दरअसल, कुछ दिनों पहले तथाकथित गोरक्षकों द्वारा गोतस्करों की पिटाई का मामला सामने आया था। इसी मामले पर प्रतिक्रिया में आहूजा का विवादित बयान आया। आहूजा ने कहा, ‘गोतस्करी करोगे, गोकशी करोगे, तो यूं ही पिट-पिट कर मरोगे।’ उन्होंने कहा कि गोतस्करों को जनता ने पीटा है और वे आरोप गोरक्षकों पर लगा रहे हैं।
पीटेंगे नाय तो के करेंंगा: भड़ाना मारपीट के आरोपों को लेकर सामान्य प्रशासन मंत्री हेमसिंह भड़ाना के पुत्रों से पूछताछ भले ही नहीं की जा रही लेकिन खुद मंत्री सार्वजनिक स्थानों पर इसकी पुष्टि करते नजर आ रहे हैं। उनके बयान एक वीडियो सामने आया है, जिसमें मालाखेड़ा रोड स्थित एक रिसोर्ट में वह कुुछ लोगों से बात करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में भड़ाना स्थानीय बोली में कह रहे हैं, वो छोरा जिसकी पिटाई करी है न मेरे घर आकेर गाली काढगो है। मैं तो आवाज पहचानू न कौण है। फिर पीटेंगे नाय तो के करेंगा। वायरल हुई बातचीत में एक व्यक्ति एसपी को निर्देशित करने वाली भाषा कह रहा है। भडाना ने एक व्यक्ति से जब कहा कि एसपी से तुमने फोन क्यों किया? इस पर सामने वाले ने उनसे कहा कि मैंने एसपी को ये कहा कि इसमें क्या ढील है।
बेलगाम हो रहे मंत्री-विधायक ये कोई पहली बार नहीं है जब राजस्थान की मौजूदा सरकार के किसी मंत्री और विधायक का विवादित बयान सामने आया हो। आइये एक नज़र डालते हैं प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी में किन-किन मंत्रियों-विधायकों और नेताओं ने विवादित बयान दिए हैं।
राजकुमार रिणवा: देवस्थान मंत्री राजकुमार रिणवा ने पत्रकारों से बात करते हुए शहीदों और सैनिकों के ऊपर बयानबाजी करने वाले नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली थी। उन्होंने शाहीदों और सैनिकों पर बयानबाजी करने वाले नेताओं को अपशब्द करते हुए उनकी बोटी-बोटी काट देने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इसके लिए संविधान में प्रावधान भी किया जाना चाहिए, जिससे इसे नेताओं की बोटी-बोटी काटने वालों पर किसी तरह का कोई मुकदमा भी नहीं चल सके।
सुरेंद्र गोयल: जलदाय मंत्री सुरेंद्र गोयल ने 4 साल में पेयजल व्यवस्था का बखान करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं पर भी मटके नहीं फूट रहे हैं, इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि पानी के पुख्ता इंतजाम हैं। कहीं भी लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
बंशीधर बाजिया: चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर बाजिया भाजपा के जनसुनवाई कार्यक्रम में कहा कि कर्ज माफ करने से किसान कभी खुशहाल नहीं होता है, बल्कि पंगु ही होता है। बाजिया के इस बयान से किसान संगठन नाराज़ हो गए और मंत्री से बेतुके बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
नंदलाल मीणा: जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री नंदलाल मीणा भी विवादास्पद बयान देकर सुर्खियों में आये। भाजपा के इस मंत्री ने उदयपुर में आदिवासी कुप्रथा ‘मौताणा’ को सही ठहराया जबकि मौताणा प्रदेश के आदिवासी अंचल की एक कुप्रथा है। इसमें किसी हादसे अथवा संदिग्ध अवस्था में हुई मौत पर आदिवासी जातियां शव का अंतिम संस्कार तब तक नहीं करती जब तक की मौताणे के रूप में भारी-भरकम मुआवजा नहीं मिल जाता। इससे पहले भी मीणा ने पृथक जनजाति राज्य बनाने का विवादित बयान दिया था।
वासुदेव देवनानी: शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा था कि पाठयक्रम में विशेष सुधार करते हुए स्वतंत्रता सैनानियों की जीवनियों को शामिल किया जाएगा, ताकि प्रदेश में कोई कन्हैया पैदा नहीं हो। देवनानी ने शिक्षा की अनुदान मांग पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा हो इसके लिए शिक्षा पाठयक्रम में विशेष बदलाव किया जा रहा है।
कालीचरण सराफ: राजस्थान के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर बेहद शर्मिंदगी भरा बयान दिया। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा था कि ये सही है कि राज्य में बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है, लेकिन इन्हें रोकने के लिए सरकार हर घर में ताला नहीं लगा सकती। सराफ ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ‘सरकार एक एक घर के अंदर ताला लगाएगी क्या? कहना बड़ा आसान है, अपराध बढ़ रहा है पर इसमें क्या किया जा सकता है?’
धन सिंह रावत:
अक्सर अपने विवादित बयानों और टिप्पणियों से सुर्खियों में रहते आए पंचातय राज राज्य मंत्री धनसिंह रावत ने भी विवादित बयान दिया। उन्होंने राजस्थान के अफसरों को निशाने में लेते हुए उनकी कार्यक्षमता पर ही सवाल खड़े कर दिए और यहां तक कह दिया कि यदि राजस्थान के अफसर होते तो जल स्वालम्बन अभियान सफल नहीं हो पाता। रावत ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत आयोजित कार्यशाला के संबोधन में कहा कि प्रदेश और जिले के कई क्षेत्र एेसे हैं जहां पानी की कमी थी और वहां पानी को सहजने के लिए एक अच्छे अभियान की सख्त आवश्यकता थी। हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि कोई भी योजना बनाओ तो उसमें राजस्थान के अधिकारियों को शामिल मत करना वरना वह सफल नहीं होगा। इसके लिए हमने जल क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले श्रीराम वेदिरे से सम्पर्क किया और उनकी पूरी टीम से फोर वाटर और मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चलाया इसलिए सफल रहे हैं।
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