टेँडर प्रक्रिया में शर्त रखी गई कि टॉप मॉडल टैंकरों को प्राथमिक दी जाएगी। ऐसे में 2023 के मॉडल के वाहनों को फर्जी तरीके से 2024 मॉडल बनाकर रजिस्ट्रेशन करवाया गया। इन सभी सात टैंकर वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन बाड़मेर आरटीओ ऑफिस में करवाया गया।
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जानिए किस स्तर पर कैसे हुआ फर्जीवाड़ाबाड़मेर आरटीओ का फर्जीवाड़ा:
-24 दिसंबर 2023 को वीई कॉमर्शियल व्हीकल लिमिटेड पीतमपुर, इंदौर से 2023 मॉडल के चैसिस रवाना हुए।
-27 दिसंबर डीलर वीई कॉमर्शियल व्हीकल लिमिटेड जोधपुर के पास आए
-डीलर ने 2 जनवरी 2024 को वाहनों के चैसिस बिल जारी किए
- इनके अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र 3 जनवरी को वीई कॉमर्शियल व्हीकल लिमिटेड जयपुर जगतपुरा से जारी हुए, जो नियम विरूद्ध गलत है।
-जिस दिन जोधपुर डीलर ने चैसिस विक्रय किए , उस दिन डीलर के पास चैसिस बेचने का वैध लाइसेंस नहीं था।
-बाडमेर डीटीओ में सात वाहनों का बिना भौतिक सत्यापन के ही तीन जनवरी 2024 को रजिस्ट्रेशन कर दिया।
-बाड़मेर आरटीओ में चैसिस के वजन पर ही रजिस्ट्रेशन कर दिया, जबकि चैसिस और टैंकर के वजन पर रजिस्ट्रेशन होता है।
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दौसा आरटीओ का ऐसे फर्जीवाड़ा- एक और दो जनवरी 2024 को चेन्नई से चैसिस रवाना हुए।
-नौ जनवरी को डीलर मैसर्स संदीप ट्रक्स प्रा. लिमिटेड भीलवाड़ा को प्राप्त हुई। - मैसर्स संदीप ट्रक्स प्रा. लिमिटेड भीलवाड़ा की ओर से वाहन आए बिना ही 2 जनवरी को चैससि के बिल और अस्थाई पंजीयन प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
-चार जनवरी को दौसा आरटीओ में तीन वाहनों का बिना भौतिक सत्यापन रजिस्ट्रेशन कर दिया गया। - बिना पेट्रोलियम प्रोडक्ट टैंक बने ही सत्यापन कर दिया गया
- उप मुख्य विस्फोटक नियंत्रक वैशाली नगर जयपुर ने बिना जांच ही लाइसेंस जारी कर दिया
मामले की शिकायत मुख्य सचिव तक पहुंची। इसके बाद परिवहन विभाग ने जांच शुरू की। जांच में बाड़मेर और दौसा आरटीओ में वाहनों का फर्जी रजिस्ट्रेशन पाया गया। इसके बाद भी अभी तक इन वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त नहीं किया गया है।
श्रेया गुहा, एसीएस परिवहन विभाग