उल्लेखनीय है कि देश के कुल 983 टोल प्लाजा में से 457 टोल प्लाजा पिछले पांच साल में शुरू हुए हैं। इस मामले में भी राजस्थान अव्वल है, जहां पिछले पांच साल में सर्वाधिक 58 टोल प्लाजा शुरू किए गए हैं। राजस्थान में करीब दस हजार किलोमीटर से ज्यादा नेशनल हाईवे पर यह टोल स्थापित हैं, जबकि महाराष्ट्र में 18 हजार किलोमीटर से ज्यादा नेशनल हाईवे का जाल है और वहां सिर्फ 81 टोल प्लाजा ही हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब देश में सड़कों के मामले में राजस्थान तीसरे नम्बर पर है तो फिर टोल प्लाजा के मामले में नम्बर एक पर कैसे आया?
पांच साल में वसूले 22 हजार करोड़
राजस्थान में टोल वसूली की राशि 2019 में 3 हजार 619 करोड़ रुपए थी, वहीं 2023-24 में बढ़कर 5 हजार 954 करोड़ पर पहुंच गई। पांच साल के दौरान राजस्थान के टोल प्लाजा पर वाहनों से करीब 22 हजार 97 करोड़ रुपए वसूले गए हैं। यह दोनों ही राशि देश में सर्वाधिक है।
अजमेर-दिल्ली नेशनल हाईवे से हो रही बड़ी कमाई
अजमेर-दिल्ली नेशनल हाईवे एनएचएआई को सबसे ज्यादा कमाई करके दे रहा है। पांच साल में अकेले शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर वाहनों से 1 हजार 884.45 करोड़ रुपए टोल के रूप में वसूले गए हैं। यह देश में किसी एक टोल प्लाजा पर पर वसूली गई दूसरी सबसे बड़ी रकम है। बगरू के पास अजमेर-दिल्ली नेशनल हाईवे का ठीकरिया टोल प्लाजा पर 1 हजार 161.19 करोड़ रुपए वसूली हुई है। यह प्लाजा कमाई के मामले में सातवें नंबर पर है। जहां चाहा, वहां बनाया टोल प्लाजा
एनएचएआई ने टोल प्लाजा खोलने के नियम ऐसे बनाए हैं कि जहां वो चाहे वहां टोल प्लाजा खोला जा सकता है, भले ही केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 60 किलोमीटर में एक ही टोल खोलने की घोषणा की हो। अकेले अजमेर-दिल्ली रोड पर ही दो टोल निर्धारित दूरी से कम दूरी में खुले हुए हैं। इसके अलावा भी दस जिलों मे नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा निर्धारित दूरी से कम में खुले हुए हैं।
सर्वाधिक टोल प्लाजा की संख्या वाले 10 राज्य
राज्य में टोल प्लाजा की संख्या- राजस्थान 142, उत्तर प्रदेश 102, मध्यप्रदेश 86, महाराष्ट्र 81, आंध्र प्रदेश 68, तमिलनाड़ु 67, कर्नाटक 61, दिल्ली ईपीई 51, गुजरात 46, पंजाब 39