दो से तीन गुना तक बढ़ा भाड़ा….
निर्यातकों के लिए दूसरी बड़ी समस्या कंटेनर भाड़े में हो रही है। वियतनाम को छोड़कर सभी देशों के लिए कंटेनर भाड़ा दो से तीन गुना तक चुका है। इसमें साल भर पहले दोहरी पहले दोहा, बहरीन, टर्की, अल्जीरिया, ओमान के लिए कंटेनर भाड़ा 400 से 600 डॉलर था। यह अब 1300 से 3000 डॉलर पर पहुंच गया है। शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआर) का कहना है कि उच्च माल ढुलाई दरें आपूर्ति श्रृंखला की लगातार चुनौतियों को दर्शती दी हैं। जो वैश्विक व्यापार पर बोझ बनी हुई हैं। 1- 4 जोन में बने 4 ड्राइपोर्ट
भू-भाग की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। पर यहां पर केवल 2 आइसीडी है। जबकि पहले चरण में प्रदेश को चार जोन में बांटकर चार ड्राइपोर्ट बनने चाहिए और इसके बाद सभी 7 संभाग मुख्यालय पर ड्राइपोर्ट विकसित करने का सुझाव भी हमने सरकार को दिया है।
पुष्प कुमारस्वामी महासचिव वीकेआई
2- फ्रेट सब्सिडी की जरूरत
चीन अपने निर्यातकों को फ्रेट सब्सिडी देता है। यानि निर्यातकों को तय सीमा में ही फ्रेट देना होता है। उसमें वृद्धि होने पर अतिरिक्त राशि सरकार देती है। इसी तरह सरकार को राजस्थान में निर्यात बढ़ाने के लिए फ्रेट सब्सिडी योजना शुरू की करनी चाहिए। दीपक आकड़, मार्बल एक्सपोर्टर
3- डेडिकेटड ड्राइपोर्ट हो
ड्राइपोर्ट अगर नजदीक होगा निर्यातक की लागत कम लगेगी। समय की बचत होगी। इसलिए प्रोडक्ट बेस्ड डेडिकेटड ड्राइपोर्ट बनाए जा सकते हैं। जयपुर गारमेंट एक्सपोर्ट का हब है, इसलिए यहां पर गारमेंट आईसीडी बनाया जाना चाहिए। जाकिर हुसैन, पूर्व अध्यक्ष गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान
कैसे हासिल होगा लक्ष्य
सरकार ने अगले 4 साल में राजस्थान प्रदेश को 350 बिलियन डॉलर यानी 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए राजस्थान के निर्यात को भी बढ़ाना होगा। राजस्थान में वर्तमान में 84 हजार करोड़ का निर्यात होता है, जबकि 30 लाख करोड़ की व्यवस्था में कम से कम 5 लाख करोड़ का निर्यात होना चाहिए।