राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख तृतीय श्रेणी शिक्षकों को एक बार फिर सरकार से तबादले की उम्मीद बंधी थी। शिक्षक पिछले पांच साल से शिक्षक तबादलों की मांग कर रहे थे। कांग्रेस सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं खोल पाई। अंतिम बार 2018 में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ही तबादले खोले गए थे।
कांग्रेस सरकार ने लिए थे आवेदन
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान वर्ष 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन लिए थे। करीब 85 हजार आवेदन आए थे। लेकिन 2022 में तबादले नहीं खोले गए। अन्य शिक्षकों के तबादले हुए। नई नीति का हवाला देकर तबादलों को फिर टाल दिया गया। चुनावी साल में भी उम्मीद की जा रही थी कि थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले खोले जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री नई नीति का हवाला देते रहे। सरकार को तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले तत्काल करने चाहिए। इससे पहले भाजपा सरकार ने ही तबादले किए थे। उम्मीद है फिर शिक्षकों के हित में निर्णय लेंगे। शिक्षा मंत्री का बयान से रोष है। शिक्षा मंत्री का बयान से रोष
शिक्षा मंत्री का बयान से शिक्षकों में रोष है। राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा कि नारायण सिंह सिसोदिया, प्रवक्ता, राजस्थान प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति पांच साल शिक्षक उम्मीद में रहे कि तबादले होंगे। लेकिन कांग्रेस सरकार सिर्फ आश्वासन देती रही। भाजपा सरकार में उम्मीद है। लेकिन इस बयान से शिक्षकों को झटका लगा है। अभी भर्तियां राज्य स्तर पर ही हो रही है।