ताकि ज्यादा यात्रियों का रिकॉर्ड नहीं आए
दरअसल,
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की ओर से बस सारथियों को टारगेट दिया जाता है। ऐसे में बस सारथी टारगेट पूरा करने के बाद बस में अतिरिक्त यात्रियों को बिना टिकट यात्रा कराते हैं। उनसे किराया तो लिया जाता है, लेकिन टिकट नहीं दिया जाता। रोडवेज के उड़नदस्तों की जांच में ये बस सारथी पकड़े जाते हैं और ब्लैक लिस्ट कर दिए जाते हैं।
यह भी पढ़ें – रेलवे की नई पहल, चलती ट्रेन में अब टिकट चेकिंग स्टाफ करेगा प्राथमिक उपचार, पर देना होगा इतना चार्ज ये हैं बस सारथी के लिए नियम
1- एक से चार यात्री बिना टिकट के तीन प्रकरण पाए जाने पर बस सारथी को ब्लैक लिस्टेड करते हैं। निगम में जमा प्रतिभूति राशि जब्त होती है। तीन माह के लिए कार्य करने के लिए बस सारथी अपात्र होता है। तीन माह बाद पूर्व में जमा कराई गई प्रतिभूति राशि की दोगुना राशि निगम में जमा कराने पर ही पुन: आवेदन कर सकते हैं।
2- 5 से 9 यात्री बिना टिकट पाए जाने पर बस सारथी को ब्लैक लिस्ट कर पूरी प्रतिभूति राशि जब्त की जाएगी। छह माह तक काम नहीं करने के लिए अपात्र होगा। इसके बाद पूर्व में जमा प्रतिभूति राशि की दोगुनी राशि जमा कराने पर पुन: आवेदन कर सकते हैं।
3- 10 या इससे अधिक यात्री बिना टिकट यात्रा करने पर निगम में जमा कराई प्रतिभूति राशि जब्त होगी। एक साल के लिए बस सारथी अपात्र होगा। एक साल बाद पूर्व में जमा कराई राशि की दोगुनी राशि जमा कराकर पुन: आवेदन कर सकते हैं।
कई डिपो में परिचालक खाली बैठे हैं – महामंत्री, इंटक
महामंत्री, इंटक हनुमान सहाय भारद्वाज ने कहा, निजी कर्मचारियों को लगाने के बजाय रोडवेज अपने परिचालकों को इन बसों की कमान सौंपे। कई डिपो में परिचालक खाली बैठे हैं। इससे एक ओर जहां रोडवेज का खर्चा बचेगा साथ ही आय भी बढ़ेगी।
कार्यकारी निदेशक यातायात रोडवेज ने कहा, पहले नियम नहीं थे
कार्यकारी निदेशक यातायात रोडवेज ज्योति चौहान ने कहा पहले नियम नहीं थे। अब पॉलिसी में नियम बनाए हैं। इस बार पकड़े जाने पर प्रतिभूति राशि जब्त की जाएगी। दोगुनी राशि के साथ वापस कार्य कर सकते हैं। इसके लिए पुन: आवेदन करना होगा। इसके अलावा चीफ मैनेजर की जिमेदारी तय की है।