नवंबर के आखिरी सप्ताह में यह टेस्ट होगा। इसकी तैयारी बोर्ड ने कर ली है। बोर्ड ने करीब 500 अभ्यर्थियों को इस परीक्षण के लिए चिन्हित किया है। इनका टैबलेट पर मॉक टेस्ट लिया जाएगा। इस टेस्ट में बाकायदा भर्ती परीक्षा की तरह पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वहीं, टेस्ट के दौरान हैकर्स को भी बुलाया गया है। हैकर्स टेस्ट के दौरान पूरे सिस्टम को हैक करने की कोशिश करेंगे।
वहीं, दूसरी ओर से एक्सपर्ट देखेंगे कि परीक्षा के दौरान सिस्टम हैक न हो जाए। यह प्रक्रिया कानपुर आइआइटी और एमएनआइटी
जयपुर की मॉनिटरिंग में पूरी की जाएगी। इसे टेस्ट को सफलता मिलने के बाद राज्यभर में टैबलेट के जरिए प्रतियोगी परीक्षाएं कराने पर मुहर लगाई जाएगी।
टेंडर के जरिए टैबलेट खरीदेंगे
बोर्ड तैयारी कर रहा है कि एक लाख अभ्यर्थियों तक की भर्ती परीक्षाएं टैबलेट कराई जाएं। इसके लिए बोर्ड टेंडर प्रक्रिया के जरिए टैबलेट की खरीद करेगा। हालांकि बड़ी भर्ती परीक्षाओं में यह प्रयोग काम नहीं आएगा। बोर्ड की कुछ ऐसी भर्तियां हैं जिसमें 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों की ओर से आवेदन किया जाता है। बोर्ड की ओर से आगामी दिनों में पशु परिचर भर्ती आयोजित की जाएगी। इसमें करीब 17 लाख युवा बैठेंगे। इसके अलावा सीईटी, पटवार, शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में भी 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना रहती है। छोटी भर्तियों में यह प्रयोग किया जा सकता है।
संसाधनों का अभाव इसलिए टैबलेट पर ले रहे टेस्ट…
कम्प्यूटर पर ऑनलाइन परीक्षाएं कराने के लिए राज्य में इतने संसाधन नहीं है। परीक्षा को अगर ऑनलाइन मोड पर कराया जाए तो एक बार में करीब 20 हजार अभ्यर्थियों को ही शामिल किया जा सकता है। ऐसे में बड़ी परीक्षाओं को कई पारियों में कराया जाएगा इसलिए टैबलेट से ही परीक्षाएं कराने पर विचार रहा है। वहीं अधिकतर केन्द्र सरकारी स्कूलों में दिए जाते हैं। लेकिन इनमें बड़ी संख्या में कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं है। वहीं, बोर्ड निजी स्कूलों और कॉलेजों में भी परीक्षा केन्द्र देने के पक्ष में नहीं है।
सफलता के बाद छोटी परीक्षाओं में लागू करेंगे
नवंबर के आखिरी सप्ताह में यह परीक्षण करा रहे हैं। सफल प्रयोग के बाद हम छोटी परीक्षाओं से इसे लागू कर देंगे।- आलोक राज, अध्यक्ष, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड
पेपर प्रिंट कराने की जरूरत नहीं होगी
टैबलेट के जरिए परीक्षा कराने का फायदा यह होगा कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद बोर्ड के लिए कोई भी पेपर प्रिंट नहीं करवाया जाएगा। पेपर ऑनलाइन ही तैयार होगा और ऑनलाइन ही अभ्यर्थियों को कम्प्यूटर और टैबलेट पर दिया जाएगा। यह प्रयोग सफल हुआ तो राजस्थान नई व्यवस्था से भर्ती परीक्षाएं कराने वाले देश का पहला राज्य होगा। यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होगी।