दरअसल, किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए परीक्षा एजेंसी की ओर से तीन अलग-अलग प्रश्न-पत्र सेट बनवाए जाते हैं, जिनमें से एक का चयन किया जाता है। ऐसे में आरपीएससी का सदस्य रहते हुए रामू राम ने एसआई भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र के तीनों सेट हासिल कर लिए थे। एक अंग्रेजी वेबसाइट की खबर के मुताबिक एसओजी जांच में पाया गया है कि रामू राम ने अपने बेटे देवेश और बेटी शोभा को एसआई भर्ती परीक्षा के प्रश्न-पत्र के तीनों सेट दिए थे, ताकि परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्र हल करने में कोई परेशानी ना हों। इसी बदलौत रामू राम राईका का बेटा और बेटी परीक्षा में अच्छी रैंक हासिल कर थानेदार बन गए थे।
50 हजार पन्नों की चार्जशीट राईका और उसके बेटा-बेटी का नाम
बता दें कि 29 अक्टूबर को ही एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 50 हजार पन्नों की तीसरी चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। जिसमें निलंबित सदस्य बाबूलाल कटारा, आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका, उसके बेटा-बेटी सहित 20 लोगों के नाम शामिल है। आरोपियों में डमी अभ्यर्थी भी शामिल हैं। एसओजी की चार्जशीट में भी इसका जिक्र है कि रामूराम राईका ने ही बेटा और बेटी को पेपर दिया था। बाबूलाल कटारा से लिया था पेपर
परीक्षा से पहले बाबूलाल कटारा ने रामू राम राईका को उसके बेटा-बेटी के लिए पेपर की व्यवस्था की थी। आरोपी बाबूलाल कटारा को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में गिफ्तार किया जा चुका है। जानकारी के अनुसार एसओजी मामले में करीब 74 आरोपियों को गिरतार कर चुकी, जिनमें 50 चयनित थानेदार शामिल हैं। अब भी मामला लंबित है और एसओजी के निशाने पर प्रशिक्षण लेने वाले थानेदार हैं।
कौन है रामू राम राईका?
एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में पकड़ा गया रामू राम राईका नागौर जिले के गगवाना गांव का रहने वाला है। वह 1983 से 2017 तक सरकारी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर रहा। इसके बाद नागौर के बलदेव राम मिर्धा राजकीय महाविद्यालय में उप प्राचार्य बना। रामू राम को 4 जुलाई 2018 से 4 जुलाई 2022 तक आरपीएससी सदस्य रहा।