स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने राजस्थान पुलिस अकादमी में प्रशिक्षण के दौरान छुट्टी लेकर और बिना बताए भाग जाने वाले थानेदारों के नाम जारी किए हैं। एसओजी अधिकारियों ने बताया कि अनुसंधान के दौरान दो महिला थानेदार सहित छह और थानेदारों की पेपर लीक मामले में लिप्त होने की पुष्टि हो चुकी है। इन थानेदारों की तलाश में एसओजी की टीम जुटी है।
आरपीए से भागे 3 थानेदार, छुट्टी पर जाने वाले भी फरार
सूत्रों की मानें तो तीन थानेदार तो आरपीए की दीवार फांदकर भाग गए थे। जबकि तीन छुट्टी लेकर चले गए, जो खुद के घर से भी गायब हैं। आरोपियों ने अपने मोबाइल भी बंद कर लिए। छुट्टी लेकर भागने वाले थानेदारों में 34वीं रैंक पर आने वाली मोनिका जाट, 39वी रैंक पर आने वाला गोविंदराम बिश्नोई व 102 रैंक पर आने वाली प्रियंका गोस्वामी है। एसओजी ने आरोपियों के साथ परीक्षा से पहले पेपर लेने वालों को हिरासत में लिया, तभी तीनों आरोपी आरपीए से छुट्टी लेकर भाग गए। इसके अलावा 7वी रैंक पर आने वाला अभय सिंह बिश्नोई, 87 वीं रैंक पर आने वाला भागीरथ बिश्नोई व 144 वीं रैंक पर आने वाला शंकरलाल बिश्नोई आरपीए की दीवार फांदकर भाग गए।
हरियाणा की गैंग से पेपर लेने वाला निकला पूर्व विधायक का भतीजा
एसओजी ने बताया कि हरियाणा की गैंग से पेपर लेने वाला थानेदार नीरज यादव किशनगढ़ बास के पूर्व विधायक रामहेत यादव का भतीजा है। एसओजी की पूछताछ में नीरज ने बताया था कि 20 लाख रुपए में हरियाणा की गैंग से परीक्षा से पहले पेपर खरीदा था। उल्लेखनीय है कि एसओजी ने नीरज के साथ थानेदार सुरजीत सिंह यादव, मोनिका जाट और रेनू कुमारी जाट को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।
किसने करवाया पेपर लीक?
पूछताछ के दौरान मोनिका ने कबूला कि एक परिचित से 40 लाख रुपए देकर हरियाणा की गैंग से पेपर खरीदा था। सुरजीत और नीरज ने भी 20-20 लाख रुपए देकर एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर खरीदा था। एसओजी अब यह जांच कर रही है कि पेपर लीक में यूनिक भांभू का हाथ है या हरियाणा की गैंग ने खुद इसे लीक करवाया। नीरज किशनगढ़बास के पूर्व विधायक रामहेत यादव का भतीजा है। वहीं, रेणू 2006 बैच की कॉन्स्टेबल है, जो जयपुर कमिश्नरेट में नियुक्त थी।