यात्री भार और लाभप्रदता में वृद्धि नहीं लाने का पाया गया दोषी
प्रबंध निदेशक राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि ब्यावर आगार के मुख्य प्रबंधक निरंजन शर्मा को आगार में उपलब्ध पूर्ण संसाधनों का उपयोग कर आगार के यात्री भार और लाभप्रदता में वृद्धि नहीं लाने का दोषी पाया गया। वहीं आगार में 15 वाहन स्पेयर खड़े पाए गए। लापरवाही से निगम को क्षति उठानी पड़ी राजस्व की भारी
बताया जा रहा है कि मुख्यालय द्वारा ब्यावर आगार में परिचालकों की कमी की प्रतिपूर्ति भी की गई थी और पूर्व में स्वीकृत बस सारथियों की संख्या 27 में 20 सारथियों की वृद्धि कर कुल 47 बस सारथी स्वीकृत किए गए थे। इसके बावजूद 4 नवंबर 2024 तक 0.85 हजार की तुलना में मात्र 0.36 हजार किलोमीटर ही बसों का संचालन किया गया। यह लक्ष्य की तुलना में 0.49 हजार यानि 57.33 प्रतिशत कम है। मुख्य प्रबंधक की इस लापरवाही से निगम को राजस्व की भारी क्षति उठानी पड़ी।
रोडवेज प्रबंधन का सख्त एक्शन, 15 दिन में जवाब देने के निर्देश
पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि मुख्यालय स्तर से बार-बार निर्देशित किए जाने के बाद भी ब्यावर मुख्य प्रबंधक द्वारा संचालन परिणाम में अपेक्षित सुधार लाकर लक्ष्य अर्जित नहीं किए गए। जिसके चलते रोडवेज प्रबंधन ने सख्त एक्शन लेते हुए मुख्य प्रबंधक को नियम 17 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए नोटिस दिया है। निरंजन शर्मा को अपना जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।