scriptGood News: पंजाब से भी हक का पानी लेने की तैयारी, राजस्थान के 21 जिलों के बाद इन और जिलों को होगा फायदा | Rajasthan-Punjab Agreement Of Ravi-Beas Water Sharing Will Active Again After PKC ERCP Profit To 21 Districts Of Rajasthan | Patrika News
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Good News: पंजाब से भी हक का पानी लेने की तैयारी, राजस्थान के 21 जिलों के बाद इन और जिलों को होगा फायदा

मध्यप्रदेश के साथ पीकेसी ईआरसीपी पर एग्रीमेंट होने के बाद अब राज्य सरकार की नजर पंजाब से हुए करार पर है। पंजाब से रावी व व्यास नदी का बाकी पानी लिया जाना है, लेकिन कई दशक बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस है।

जयपुरDec 19, 2024 / 09:00 am

Akshita Deora

PKC ERCP: मध्यप्रदेश के साथ पीकेसी ईआरसीपी पर एग्रीमेंट हो गया है और हरियाणा से यमुना जल बंटवारे का विवाद भी सुलझ गया। अब राज्य सरकार की नजर पंजाब से हुए करार पर है। पंजाब से रावी व व्यास नदी का बाकी पानी लिया जाना है, लेकिन कई दशक बीत जाने के बावजूद स्थिति जस की तस है। इस मामले में जल संसाधन विभाग जल्द पंजाब सरकार से बातचीत कर रहा है। साथ ही जलशक्ति मंत्रालय और केन्द्रीय जल आयोग से भी इसे लेकर बातचीत होगी, ताकि राजस्थान को अपने हिस्से का पानी मिल सके। इससे डूंगरपुर, बांसवाड़ा के अलावा पश्चिमी राजस्थान के बड़े इलाके को पानी मिल सकेगा।

सवाल जो जवाबचाह रहे…

केन्द्रीय जल आयोग में तथ्यात्मक पहलुओं के साथकई बार हाजिरी लगाई, फिर भी बंटवारा विवाद सुलझाने में नाकाम।

पिछली सरकारों में तत्कालीन मुयमंत्रियों ने दिल्ली की दूरी नापी, पर न केन्द्र ने सुनी और न ही पड़ौसी राज्यों ने संज्ञान लिया।
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कब-कब क्या हुआ

  1. कब हुआ अनुबंध: 1981 में रावी व व्यास नदी से पानी देने के लिए राजस्थान व पंजाब सरकार के बीच समझौता हुआ। इसमें हरियाणा सरकार भी शामिल है।

  1. हमारा हिस्सा: राजस्थान को दोनों नदियों से 8.60 एमएएफ (मिलियन एकड़ फीट) पानी मिलना था। अभी 8 एमएफए पानी मिल रहा है, लेकिन 0.60 एमएएफ हिस्सा अब तक नहीं दिया गया। केन्द्रीय जल आयोग व जलशक्ति मंत्रालय के सामने दोनों राज्य पक्ष रख चुके हैं।
  1. अपने-अपने तर्क: समझौते के तहत पंजाब को तब तक ही 0.60 एमएएफ पानी का उपयोग करने की अनुमति थी, जब तक की राजस्थान पूरे पानी का उपयोग करने के लिए सक्षम नहीं हो जाए। राजस्थान कई वर्ष पहले ही जरूरत जता चुका है। जबकि, पंजाब का तर्क है कि दोनों नदियों में इतना पानी नहीं है कि बाकी हिस्से का पानी राजस्थान को दिया जा सके।
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