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जयपुर

Rajasthan Politics: कांग्रेस ने पूछा-सीएम के क्षेत्र में बिजली कटौती क्यों नहीं? हुआ खूब हंगामा

जूली ने कहा कि प्रदेशभर में बिजली कटौती हो रही है, लेकिन भरतपुर में क्यों नहीं हो रही। इसी बीच सुभाष गर्ग ने पूछा भरतपुर में कौन सा विधानसभा क्षेत्र है बताएं।

जयपुरAug 03, 2024 / 11:11 am

Anil Prajapat

Tika Ram Jully
Rajasthan Vidhan Sabha: जयपुर। राजस्थान में बिजली की स्थिति को लेकर विधानसभा में चर्चा हुई। चर्चा का प्रस्ताव ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रखा। चर्चा में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों ने एक-दूसरे पर कुप्रबंधन और बिजली कंपनियों का घाटा बढ़ाने के आरोप लगाए। विधानसभा में कांग्रेस ने पूछा कि प्रदेशभर में बिजली कटौती हो रही है। लेकिन, सीएम भजनलाल के गृह जिले में क्यों नहीं हो रही? इस पर विधानसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला।
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, बिजली के बुरे हालात हैं। स्थिति यह है कि गांवों में रातभर बिजली नहीं आ रही। उन्होंने कहा कि किसान और मजदूर जब काम खत्म कर घर पहुंचता है तो बिजली गुल हो जाती है। इससे जनता त्रस्त है। पहला मौका है जब सदन के चलते बीच में बिना किसी चर्चा के टैक्स लगा दिया गया। बिजली कंपनियों के घाटे को लेकर कहा कि कोई कंपनी ऐसी नहीं जो घाटे में हैं, लेकिन जनहित देखा जाता है।
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भरतपुर में बिजली कटौती क्यों नहीं?

जूली ने कहा कि प्रदेशभर में बिजली कटौती हो रही है, लेकिन भरतपुर में क्यों नहीं हो रही। इसी बीच आरएलडी के सुभाष गर्ग ने पूछा भरतपुर में कौन सा विधानसभा क्षेत्र है बताएं। इस पर जूली ने कहा कि जीएसएस जिगाना, सैंथारा, घना व अन्य हैं। उधर, विधायक श्रीचंद कृपलानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राज में एमडी से मंत्री बंधी लेते थे। इस बयान पर विपक्ष ने हंगामा किया।
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बीजेपी का कांग्रेस पर पलटवार

भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन की वजह से बिजली कंपनियों का कर्जा बढ़कर 91 हजार करोड़ रुपए पर पहुंच गया। 9 हजार करोड़ रुपए वार्षिक घाटा हो रहा है। वर्ष 2013 में जब भाजपा सरकार बनी, तब कंपनियों पर 78 हजार करोड़ कर्जभार था। उदय योजना से स्थिति को संभाला। 2017-18 में घाटा साढ़े 12 हजार करोड़ था। 2018 में कंपनियां 2700 करोड़ के फायदे में थीं। लेकिन पिछली सरकार ने कई इकाइयों को बंद कर दिया।

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