नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के शिक्षकों को लेकर दिए बयान को लेकर कहा कि उन्होंने महिला शिक्षकों पर घोर अपमानजनक टिप्पणी कर सभी सीमाएं लांघ दी हैं। न केवल महिलाओं का अपमान किया गया, बल्कि संपूर्ण शिक्षा जगत की गरिमा को लांछित किया है। दिलावर को शिक्षा मंत्री के पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। वे इस्तीफा दें अथवा उन्हें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बर्खास्त करें।
शिक्षा मंत्री की आदत बन गई शिक्षकों का अपमान करना
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आए दिन अनर्गल टीका टिप्पणी करके शिक्षकों का अपमान करना और प्रदेश को शर्मसार करना शिक्षा मंत्री की आदत बन गई है। मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके शिक्षा मंत्री माफी मांगें या मुख्यमंत्री जी इन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
शिक्षा मंत्री ने दिया था ये बयान
नीमकाथाना जिले के राउप्रा संस्कृत स्कूल नृसिंहपुरी के लोकार्पण कार्यक्रम में बुधवार को शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा था कि स्कूलों में कुछ शिक्षिकाएं अपना शरीर दिखाते हुए गलत पहनावा पहनकर आती हैं। कई शिक्षक स्कूल में गुटखा खाकर जाते हैं। ऐसे में स्कूल आने वाले बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। कई स्कूलों में तो शिक्षक झूमते हुए पहुंचते हैं वो शिक्षक नहीं वो बच्चों के दुश्मन हैं। इस तरह की हरकत करने वालों को शिक्षक कहना पाप है।
दिलावर ने कहा कि कुछ ऐसे शिक्षक है जो पूजा पाठ व नमाज पढ़ने के नाम पर स्कूल से गायब हो जाते हैं। उन शिक्षकों पर पूरी निगरानी की जाकर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आदेश भी जारी किया है। शिक्षकों को पूजा पाठ करने के लिए वेतन नहीं दिया जाता है। पूजा पाठ सुबह व शाम को करें।
देरी से आते हैं फिर कहते हैं… राइट टाइम हूं
शिक्षामंत्री ने कहा कि कई शिक्षक देरी से स्कूल पहुंचते है और जब उनसे पूछते हैं तो कहते हैं कि राइट टाइम ही आया हूं दस बजे। इससे बच्चों पर क्या असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी लगेगा कि झूठ बोलना अच्छा है। उन्होंने कहा कि भारत माता भी दुखी है क्योंकि धरती में भारी मात्रा में रसायन डाले जा रहे है।