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सीएम गहलोत ने कहा कि जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं, जिसने सत्ता पाने के लिए बगावत की और पार्टी को धोखे में रखा वो गद्दार है। वो कभी सीएम नहीं बन सकता। गहलोत ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ होगा जब एक पार्टी अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को (2020 में) गिराने का प्रयास किया। जिसके लिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने फंड दिया और मानेसर के होटल में BJP के नेता धर्मेंद्र प्रधान विधायकों से मिलने आते थे।
गहलोत यही नहीं रुके। उन्होंने पायलट और उनके साथ के MLA पर बीजेपी से 10 करोड़ रुपए लेने की बात कही, साथ ही बोले कि इस बात के सबूत उनके पास हैं। 2020 में सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों के साथ मानेसर के एक होटल में जाकर कैद हो जाने पर राजस्थान की गहलोत सरकार संकट में आ गई थी। इसके बाद जो हुआ जगजाहिर है।
गहलोत ने कहा कि साल 2009 में देश में कांग्रेस की सरकार बनी तो सचिन पायलट के मंत्री बनाने की सिफारिश उन्होंने ही आलाकमान से की थी। इंटरव्यू के दौरान अशोक गहलोत सचिन पायलट के रवैये खासे नाराज नजर आ रहे थे। 25 सितंबर को राजस्थान सरकार में बागी हुए कांग्रेस विधायकों की बात पर सीएम बोले, ये बगावत मेरे खिलाफ नहीं थी। यह सचिन पायलट के खिलाफ थी, विधायक इस बात से नाराज थे कि 2020 में जिसने बीजेपी के इशारों पर राजस्थान में सरकार गिराने की हिमाकत की वो फिर से ऐसी कोशिश कर रहा है, इसलिए 90 विधायकों पायलट के खिलाफ लामबंद हुए थे।
सीएम गहलोत ने पायलट को बताया गद्दार, Twitter पर ट्रैंड हुआ “सचिन पायलट”
कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने पर गहलोत बोले, हमारी सरकार राजस्थान में फिर बने हम इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सोनिया गांधी से मिलकर उन्होंने अपनी बात स्पष्ट रखी थी। साथ ही उन्होंने कांग्रेस और गांधी पर अपनी पूरी आस्था जताई। सचिन पायलट से सुलह के सवाल को गहलोत टाल गए, लेकिन राजस्थान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश पायलट कर रहे है। इसके साफ संकेत गहलोत ने दिए। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से पहले अशोक गहलोत के बेबाक बयान ने एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि राहुल गांधी राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दोनों के बीच की दूरी कम कर पाते हैं या नहीं।