लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले इस तरह के आरोपों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लोकेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया सियासी संकट के दौरान कुछ ऑडियो मैंने मीडिया को भेजे थे, तब मैंने कहा था कि यह ऑडियो मुझे सोशल मीडिया से मिले हैं। लेकिन, वो बात सही नहीं थी। यह ऑडियो अशोक गहलोत ने मुझे दिए थे।
शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि 16 जुलाई 2020 को दिल्ली रोड स्थित एक होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी की थी और मैं होटल में था। तब मेरे पास गहलोत के पीएसओ का फोन आया कि मुख्यमंत्री ने बुलाया है। मैं मुख्यमंत्री आवास पहुंचा तो गहलोत ने मुझे एक कागज और एक पेन ड्राइव दी और कहा कि इस पेन ड्राइव में विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े हुए ऑडियो हैं, जिन्हें मीडिया में जारी करना है। मैंने उन ऑडियो को पेन ड्राइव से अपने लैपटॉप में लिया और फिर लैपटॉप से अपने फोन में लेकर मीडिया में जारी कर दिया। उस समय मैंने मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना की थी, क्योंकि मैं उनका सहायक था।
मेरे दफ्तर पर एसओजी की छापेमारी
लोकेश ने कहा कि गहलोत को मुझ पर शक था कि मैंने पेन ड्राइव और लैपटॉप डिस्ट्रॉय नहीं किए हैं। इसलिए उन्होंने 26 नवंबर 2021 को मेरे दफ्तर पर एसओजी की छापेमारी भी कराई, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। उस समय मुझे समझ में आया कि अशोक गहलोत केवल लोगों को इस्तेमाल करते हैं और काम निकलने पर किनारा कर लेते हैं। वे मुझसे कई बार कह चुके थे कि लोगों को इस्तेमाल करना सीखो।
पायलट और उनके समर्थकों के फोन सर्विलांस पर थे
लोकेश ने कहा कि सियासी संकट के दौरान सचिन पायलट और उनके समर्थकों के फोन राज्य सरकार ने सर्विलांस पर ले रखे थे, उस समय पुलिस और गृह विभाग के कई आलाधिकारी भी इस मामले में लिप्त थे। गहलोत सचिन पायलट को पसंद नहीं करते थे और उनकी छवि जनता में धूमिल करना चाहते थे। इसलिए सरकार गिराने का षड़यंत्र रचा गया और पायलट पर ठीकरा फोड़ा गया। शर्मा ने कहा कि गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की भी संजीवनी घोटाले में आरोपी बनाकर छवि खराब की।
डीपी जारौली को भी गहलोत ने बचाया
लोकेश ने आरोप लगाया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष रहे डीपी जारोली को भी पेपर लीक मामले में अशोक गहलोत ने बचाया था। रीट पेपर लीक के बाद लेवल 2 के पेपर को रद्द किया गया। जब इसमें जारोली का नाम सामने आया तो गहलोत अचरज में पड़ गए कि क्या एक्शन लिया जाए, इन्हें कैसे बर्खास्त किया जाए। तब गहलोत कहते थे कि जारोली उनका आदमी है।
तीन साल से दिल्ली पुलिस की झेल रहा प्रताड़ना
लोकेश ने कहा कि वे 3 साल से फोन टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की प्रताड़ना झेल रहे हैं। दिल्ली पुलिस मुझसे कई बार लंबी पूछताछ करती है। मुझ पर एफआईआर हुई थी तो गहलोत ने कहा था कि हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक लड़ेगे, लेकिन बाद में उन्होंने इस मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ते हुए मुझे अकेला छोड़ दिया था।
कथित ऑडियो में गहलोत-लोकेश की बातचीत…
लोकेश की ओर से मीडिया को सुनाई गई कथित ऑडियो क्लिप में दावा किया गया है ये आवाज अशोक गहलोत की है। ऑडियो में गहलोत लोकेश से पूछ रहे हैं कि जिस पैन ड्राइव में ऑडियो थे और जिस फोन से मीडिया में ऑडियो भेजे उनका क्या रहा, उन्हें डिस्ट्रॉय किया या नहीं, जिस पर शर्मा कह रहे हैं कि डिस्ट्रॉय कर दिए। फिर गहलोत ने लैपटॉप को लेकर पूछा कि लैपटॉप सीएमआर का है या फिर तुम्हारा पर्सनल है। लोकेश ने कहा कि वो उनका पर्सनल है, तब गहलोत ने कहा कि वो लैपटॉप अपने पास नहीं रखें, किसी को दे-दें उनके बदले में वो नया लैपटॉप दे देंगे। बातचीत में फिर गहलोत पूछते है कि पक्का 200 पर्सेंट डिस्ट्रॉय कर दिया है ना, तब लोकेश कहते हैं हां 200 फीसदी डिस्ट्रॉय कर दिया।