पुलिस ने अमरसर के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। जानकारी के अनुसार शिक्षक रामकिशोर यादव निवासी कुंभपुरिया कंवरपुरा ग्राम पंचायत नांगल कोजू पंचायत समिति गोविंदगढ़ विद्यालय परिसर में बेहोश होकर गिर पड़े। साथी शिक्षकों ने यादव को चौमूं के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। सूचना पर परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। लेकिन इलाज के दौरान रामकिशोर यादव ने दम तोड़ दिया।
इधर ग्राम कुजोता निवासी 62 वर्षीय पूर्व शिक्षक हजारी लाल का 16 दिसंबर को कस्बे के राजकीय बीडीएम चिकित्सालय में देहांत हो गया। जिसके बाद परिजनों ने स्वर्गवासी शिक्षक की इच्छा अनुसार उनके पार्थिव शरीर को एसएमएस मेडिकल कॉलेज को सौंपा दिया।
जीवन पर्यंत विद्यार्थियों को दिशा प्रदान करने वाले शिक्षक का शरीर अब उनकी मृत्यु के उपरांत भी शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देता रहेगा। शिक्षक और उनके परिवार द्वारा किया गया यह कार्य सहासिक तो है समाज के लिए प्रेरणादायक भी है।
परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षक हजारी लाल मेहरड़ा करीब दो साल पहले पवाना के राजकीय विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए थे, इसके उपरांत वह सामाजिक सरोकारों के विभिन्न कार्यो से जुड़े रहें। अपने शिक्षक जीवन के दौरान ही उन्होंने देहदान करने की इच्छा प्रस्तुत की थी, उनका कहना था कि मिट्टी का शरीर है मिट्टी में मिल जाना है, यदि यह किसी के ज्ञान वर्धन में काम आता है तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात होगी।
जिस पर उनकी पत्नी चंद्रकला देवी, पुत्र राजेंद्र प्रसाद और कमल कुमार तथा पुत्री कृष्णा ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए उनका पार्थिव शरीर सोमवार को आवश्यक प्रक्रिया पुरी करने के बाद जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया।