आईजी जय नारायण ने बताया कि समाज में प्रचलित बाल विवाह जैसी कुप्रथा की प्रभावी रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश में ऑपरेशन लाडली अभियान चलाया जा रहा है। आज 12 नवम्बर को अबूझ सावे पर होने वाले बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस विभाग 11 से 16 नवंबर लगातार छह दिन तक यह अभियान संचालित कर रहा है, जिसकी क्रियान्विति सुनिश्चित की जाएगी।
अभियान के प्रभावी कियान्वयन के लिए पुलिस जिला, खण्ड, स्कूल, ग्राम स्तर पर पुलिस एवं एनजीओ की कार्यशाला का आयोजन कर लोगों को बाल विवाह के नुकसान के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ नाटक, रैली और सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को जानकारी दी जाएगी । अगर फिर भी कोई बाल विवाह करता हुआ मिला तो उसके खिलाफ नियमों के अनुसार एक्शन लिया जाएगा ।
इसके अतिरिक्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं एवं 21 वर्ष से कम आयु के बालकों को बाल विवाह कानून के प्रति भी पुलिस जागरूक करेगी। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग थाना स्तर पर कार्यरत सीएलजी सदस्यों एवं सुरक्षा सखियों का बाल विवाह की रोकथाम के लिए वांछित सहयोग प्राप्त करने के साथ मुखबिर प्रोत्साहन योजना को सुदृढ करेगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में हर साल बाल विवाह को लेकर बेहद सख्ती होने के बाद भी देवउठनी एकादशी, बसंत पंचमी जैसे बड़े दिनों में बड़ी संख्या में बाल विवाह होते हैं। ग्रामीण इलाकों में अभी भी चोरी छुपे इस तरह से बच्चों का विवाह किया जा रहा है। कई ग्रामीण क्षेत्रों में तो पुलिस का इलाका 30 से 40 किलोमीटर तक लंबा होता है। जब तक पुलिस पहुंचती है तब तक शादी हो भी चुकी होती है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को इस तरह से बाल विवाह होने की सूचना मिलती है तो वे तुरंत नजदीकी थाने में सूचना दें या फिर पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी दें।