– भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री बनने के बाद अभी तक एक बार प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया है, जिसमें उन्होंने अपनी सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में अवगत कराया। प्रेसवर्ता ने सीएम ने पेपर लीक, महिला सुरक्षा, कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करना, भ्रष्टाचार उन्मूलन जैसे बड़े मुद्दों पर फोकस करके की बात कही थी।
– नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। दिलचस्प बात यह है कि गहलोत आधिकारिक सीएम आवास पर काबिज हैं। नए सीएम वर्तमान में अस्थायी आवास में रह रहे हैं, मलमास खत्म होने के बाद वे घर शिफ्ट करेंगे।कथित तौर पर आखिरी बार ऐसा 1998 में हुआ था, जब सीएम बनने के बाद गहलोत निवर्तमान सीएम भैरों सिंह शेखावत के आवास पर गए थे, लेकिन 2003 में वसुंधरा राजे की जीत के साथ यह परंपरा से बंद हो गई थी।
– सीएम ने 2 जनवरी की कोहरे भरी सुबह में जयपुर के सिटी पार्क का भी दौरा किया। फिर राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएमएस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। सीएम ने नए साल की आधी रात के आसपास रैन बरसों का दौरा किया और कंबल वितरित किए।
– सीएम शर्मा ने कड़कड़ाई ठंड में जयपुर के सिटी पार्क का भी दौरा किया।
उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका, तय दर से महंगी बिजली खरीदने की तैयारी
– सीएम का अब तक का मुख्य अभियान विकसित भारत संकल्प यात्रा रहा। वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ जैसलमेर में लखपति दीदी सम्मेलन में भी उपस्थित थे।
– भजनलाल सरकार ने एक महीने अंदर बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि अब राजस्थान में बिना राज्य सरकार की स्वीकृति के किसी भी मामले की सीबीआई जांच कर सकेगी।
– इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर अन्नपूर्णा रसोई योजना किया गया।
– भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप और महात्मा गांधी सेवा प्रेरक कार्यक्रमों को भी बंद किया।
– भाजपा सरकार ने 2024 से घरेलू एलपीजी सिलेंडर 450 रुपए में देने की घोषणा की
– सीएम ने पेपर लीक की जांच के लिए एक एसआईटी के साथ-साथ एंटी-गैंगस्टर की स्थापना की भी घोषणा की।
एक महीने के अंदर भाजपा को लगा बड़ा झटका
राजस्थान में श्रीगंगानगर की करणपुर विधानसभा सीट से हारना भाजपा को इस साल का सबसे बड़ा झटका था। कांग्रेसी उम्मीदवार ने सुरेंद्रपाल सिंह को हराया था। भाजपा ने उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह को विधायक चुने जाने से पहले ही चार विभागों का मंत्री बना दिया था। चुनाव हरने के बाद सुरेंद्रपाल सिंह ने राज्यपाल कलराज मिश्र को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।