उन्होंने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जो आंदोलन करने वाले हैं ये वो लोग हैं जिनके मन में वहम है कि उनके जिले का गठन पूरी तरह से गलत या नॉर्म्स के अनुसार नहीं हुआ, केवल राजनीतिक लाभ के लिए हुआ।
गंगापुर, सांचोर में विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि जिला नहीं रहा तो भी क्षेत्र के निवासियों के साथ अन्याय नहीं होगा और जो जिले नॉर्म्स के अनुसार बने हैं, उनसे छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
जितने नए जिले बने, वहां कांग्रेस प्रतिनिधि हारे
पटेल ने कहा कि कांग्रेस राज में जितने जिलों का गठन हुआ, वहां जितने कांग्रेस जनप्रतिनिधि थे सब के सब चुनाव हारे। बालोतरा वाले मदन प्रजापत जिले की मांग लेकर बिना जूते पहने नंगे पैर घूमे, जिला बन गया फिर भी हार गए। सांचोर जिला बना फिर भी सुखराम विश्नोई चुनाव हार गए। बाबूलाल नागर ने दूदू को जिला बनवाया, वो भी हार गए।
पटेल ने कहा कि बिना किसी भेदभाव के जिलों की समीक्षा कर निर्णय किया जाएगा। नए जिलों पर जनगणना की रोक के मामले में कहा कि अगर हमें लगेगा जिला कम करना है या बनाना है या अल्टरेशन करना है तो हम विचार करेंगे और परमिशन लेंगे। उन्होंने कहा कि एक जिले को पूर्णता धारण करने में 10 साल का समय लगता है तब वह जिला परिपूर्ण होता है।