किशोर अपने परिजनों से मोबाइल दिलाने की करता था मांग
परिवार से पूछताछ की गई तो पुलिस को पता चला कि किशोर अपने परिजनों से मोबाइल दिलाने की मांग करता था। इसके साथ ही वह दोस्तों के साथ घूमने-फिरने की आजादी चाहता था। परिजनों ने न केवल मोबाइल दिलाने से मना कर दिया,बल्कि उसकी गतिविधियों पर रोक भी लगा दी। नाराज होकर किशोर ने घर छोडऩे का फैसला कर लिया। उसके बाद वह घर छोड़ गया। जोधपुर पुलिस की टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर किशोर का रूट मैप तैयार किया और शहर भर में उसकी तलाश शुरू की।एक होटल पर की मजदूरी
जब किशोर को दस्तयाब किया गया तो पता चला कि किशोर ने कुछ दिन चौपासनी हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में एक होटल पर मजदूरी की। इसके बाद वह जयपुर चला गया और वहां छोटे-मोटे काम कर अपना गुजारा करता रहा। कुछ दिन पहले ही वह जोधपुर लौटा और किराए का कमरा लेकर रहने लगा। वह घर नहीं आना चाहता था। उपर से स्कूल जाना भी बंद कर दिया। लेकिन पैसा तेजी से खत्म हो रहा था।आखिर पुलिस ने उसे दस्तयाब कर लिया और अब परिजनों को सौंपा है। परिजनों ने पुलिस को धन्यवाद दिया और राहत की सांस ली।