पार्टी सूत्रों की मानें तों राजे के तीखे तेवर के बाद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व असमंजस में है। यही वजह है कि वो ये तय नहीं कर पा रहा कि राजस्थान में राजे पर मुहर लगाए या फिर बदलाव का मैसैज दें। बताया जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व किसी ऐसे नाम की तलाश में है जो राजे का विकल्प भी बन सकें और प्रदेश में सर्वमान्य भी हो। राजस्थान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक बनाकर भाजपा नेतृत्व ने ये संदेश दे दिया है कि मरूधरा में इस बार प्रेशर पॉलिटिक्स काम नहीं आएगी और मुख्यमंत्री के चयन में सिर्फ उसी की चलेगी। सियासी जानकारों की मानें तो राजनाथ की नियुक्ति संभावित डैमेज को कंट्रोल करने के लिए ही की गई है। क्योंकि राजनाथ सिंह की गुड लिस्ट में राजे का नाम है। कई बार ऐसे मौके आए जब राजनाथ ने राजे का समर्थन किया। इसी समर्थन के दम पर राजे ने पिछले कार्यकाल में अपने मन मुताबिक फैसले भी लिए। लेकिन इस बार भाजपा ने राजनाथ सिंह की नियुक्ति मुख्यमंत्री के नाम पर सभी की सहमति बनाने के लिए किया है।
Rajasthan New CM: राजस्थान के नए सीएम को लेकर आया अपडेट, दिल्ली से आई बड़ी खबर
पहला मौका, जब सीएम फेस नहीं
कई दशकों बाद ये पहला मौका है जब भाजपा बिना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किए चुनावी मैदान में उतरी है। यही वजह है कि परिणाम के पांच दिन बीत जाने के बावजूद मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं हो पाया। अब देखना ये होगा कि मुख्यमंत्री के चयन में आ रही चुनौतियों से भाजपा आलाकमान कैसे निपटता है और देखना ये भी दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी किस नेता को मिलती है।