हालांकि, इस बार कचरा संग्रहण करने वाली कम्पनी की बजाय निगम ने अलग टेंडर जारी किया है। जो न्यूनतम सर्विस चार्ज लेगा, उससे निगम यूजर चार्ज वसूल करवाएगा। मौजूदा समय की बात करें तो ग्रेटर नगर निगम प्रति माह कचरा संग्रहण पर सात करोड़ रुपए खर्च करता है। जयपुर निगम ने जो प्लान तैयार किया है, उसके आधार पर ये पैसा यूजर चार्ज से मिल जाएगा।
गैराज शाखा उपायुक्त अतुल शर्मा ने बताया कि यूजर चार्ज वसूली संबंधी प्रक्रिया चल रही है। 15 अगस्त तक टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर देंगे और उसके बाद टीम यूजर चार्ज की वसूली करेगी।
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ऐसी होगी व्यवस्था
-एक ऐसा ऐप भी विकसित किया जाएगा, जिसमें लोग यूपीआइ, क्रेडिट-डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग से भुगतान कर सकेंगे।-इस ऐप के जरिए हर महीने बिल की इनवॉइस और रसीद शहरवासियों को मिलेगी। भुगतान करने की जानकारी एसएमएस से दी जाएगी।
-यूजर चार्ज का भुगतान ऑनलाइन, डिमांड ड्राफ्ट और चेक से ही किया जाएगा। नगद राशि स्वीकार नहीं की जाएगी। शुल्क निगम के एस्क्रो अकाउंट में जमा होगा।
-यदि कोई व्यक्ति यूजर चार्ज नहीं देगा तो उसकी जानकारी जोन उपायुक्त को देनी होगी। उपायुक्त जांच कराने के बाद नोटिस देने और वसूली में सहायता करेंगे।
दो जोन में 3.25 करोड़ की वसूली
मालवीय नगर और मुरलीपुरा जोन में 3.25 करोड़ रुपए यूजर चार्ज के रूप में अब तक वसूले जा चुके हैं। हर माह करीब 55 लाख रुपए की वसूली की जा रही है। इन दोनों जोन में 1500 किलो क्षमता के हूपर संचालित हो रहे हैं। खास बात यह है कि दोनों जोन में रहने वाले लोग मोबाइल ऐप और क्यूआर कोड के जरिए ही भुगतान कर रहे हैं। ये पैसा सीधे निगम के एस्क्रो अकाउंट में जमा होता है। मालवीय नगर में 81 हजार और मुरलीपुरा में 60 हजार प्रॉपर्टी चिह्नित की गई हैं, लेकिन ये सभी यूजर चार्ज नहीं दे रहे।