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राजस्थान के गांवों में बहेगी विकास की बहार, लगभग 1100 करोड़ रुपये खाते में डालेगी भजनलाल सरकार

राजस्थान में सरपंच संघ की 15 सूत्री मांगों को लेकर उच्चाधिकारियों ने सरपंचों के साथ विस्तार से चर्चा की।

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राजस्थान में सरपंच संघ की 15 सूत्री मांगों को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन ने पंचायती राज, वित्त, मनरेगा, सार्वजनिक निर्माण एवं गृह विभाग के अधिकारियों और सरपंच संघ के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई। जिसके बाद पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि 15 अगस्त तक सरकार लगभग 1100 करोड़ रुपये से अधिक राशि ग्राम पंचायतों के खाते में डालेगी।

इस बैठक में सरपंचों ने मांग रखी है कि कुशल और अकुशल श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि की जाए। साथ ही मध्यप्रदेश मॉडल पर राजस्थान सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने, सरपंचों को राजमार्गों पर टोल फ्री पास देने, पंचायती राज कल्याण कोष बोर्ड बनाने, पंचायतों को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने की मांग की।

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मानदेय बढ़ाने की रखी मांग

वहीं, बैठक में सरपंचों ने मानदेय को 20 हजार रुपये बढ़ाने की मांग रखी। मनरेगा में कार्यरत श्रमिकों की उपस्थिति ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन करने, जलजीवन मिशन हर घर में जल वितरण हेतु योजनाओं के संचालन और संधारण का उत्तरदायित्व जलदाय विभाग को देने की मांग की है। प्रतिनिधियों ने अनुदान राशि के अलावा मनरेगा योजना में कार्य करने वाले मेट और कारीगरों के मानदेय में वृद्धि करने की भी मांग की है।

मांगों को लेकर सरकार संवेदनशील

सरपंचों की इन मांगों को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील है एवं गांवों के विकास को लेकर कृत संकल्पित है। इन मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी।

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