बोर्ड के इस फैसले पर आई ये प्रतिक्रिया
om prakash choudhary– महोदय जी, पेपर मेटल चैन और मेटल जिप वाले जिंस या जैकेट पहनने से नहीं होता है,बच्चों को कितना भी परेशान और बाध्य करो उन्हें होना पड़ेगा। लेकिन पेपर रियलिटी में कहा से आउट हो रहे हैं इससे सब वाकिफ हैं। इस ड्रेस कोड से अगर सख्ती तमाम पेपर माफियाओं के खिलाफ हो बच्चों को परेशान भी नहीं होना पड़ेगा sarita vishnoi –– अध्यक्ष साहब जी आजतक हमने नही सुना की मेटल चैन और मेटल जिप वाले जींस पैंट या जैकेट पहनने पर पेपर लीक होता है , पेपर लीक यदि बात करू 2nd Grade की उसका पेपर लीक बस मे हुआ,खैर मेटल से पेपर लीक का कोई उदाहरण पेश हो तो कर सकते हो
devendra sisodia-– पहले पेंट पहन कर जाते थे, फिर नियम आया तो 800 का लोअर लिया, लेकिन उसमें भी एक पॉकेट में मेटल की छोटी सी चैन है, हो सकता है उससे पेपर लीक हो जाएं। तो अब मैं आदरणीय अध्यक्ष साब के कहे अनुसार 1200 का कुर्ता पजामा पहन के दूल्हा बन के पेपर देने जाऊंगा, जूतों में मेटल हो तो मौजडी पहने
manish kumar saini– आप एक बार बोल दिजिए एग्जाम करवाना हमारे बस का नहीं है रोजाना परेशान करने के लिए कुछ ना कुछ बदलाव करते रहते है एक योजना निकलवाई सरकार से जो भी एग्जाम देने आएगा उसको कपड़े सेंटर में सरकार की तरफ से दिए जाएंगे तो सारी दिखत ही समाप्त हो जाएगी पेपर सिर्फ कपड़ों की वजह से लीक होता है
gajendra choudhary– महोदय जींस पेंट की मेटल जिप होने से पेपर लीक का क्या संबंध है.?? क्या नए नए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हो सर.?? 99% कपड़ों (लोवर, फॉर्मल पेंट, जींस में) बटन/ जिप मेटल की होती है अब इसमें बेचारा अभ्यर्थी क्या करे.?
rahuveer sharma– क्यों नही आप एक एग्जाम स्पेशल ड्रेस बोर्ड की ओर से जारी नही कर देते ताकि अभियार्थी भी तंग ना हो और बोर्ड को भी कमाई हो सबको पता है और आप भी जानते है कि जिसके पास रोटी के लाले है वो पेपर कहा से खरीदेगा अगर मेटल चैन से ही नकल होती सब कोट वाले कलेक्टर होते
jatin –– बिना सोचे समझें तुगलकी फ़रमान जारी कर रहे हों, अब ज़िप से भी समस्या हो गई, अभ्यर्थी कोई आतंकी नहीं हैं। सारी कठोरता और सारे नियम उसी के लिए? पेपर लीक तो आपकी तिजोरियों से सीधा हो जाता हैं, इसमें उसपर क्यों नकेल कस रहे हो।