सीबीआई की टीम ने जयपुर, टोंक, बूंदी, भरतपुर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और नागौर में 10 स्थानों पर छापे मारे गए। टीम ने छापेमारी के दौरान इन स्थानों पर मिले दस्तावेजों को भी जब्त किया है। जब्त दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही टीम ने भीलवाड़ा में 20 लाख रुपए भी जब्त किए है।
भीलवाड़ा में हुई कार्रवाई
अवैध बजरी खनन के मामले में जोधपुर की सीबीआई टीम ने शनिवार दोपहर अचानक भीलवाड़ा के रमा विहार में बजरी के लीज धारक संजय गर्ग के कार्यालय पर छापा मारा। खनिज विभाग ने संजय गर्ग के नाम पर दो बजरी की लीज जारी की थी। एक भीलवाड़ा तहसील के हमीरगढ़, कान्याखेड़ी, मंगरोप तथा दूसरी मांडलगढ़ क्षेत्र। भीलवाड़ा की लीज 4 दिसंबर 2023 को समाप्त हो गई थी। लेकिन 6 माह के लिए स्टॉक को समाप्त करने के लिए विभाग ने टीपी दे रखी थी। इसके चलते बनास नदी से बजरी का दोहन हो रहा था। जबकि मांडलगढ़ क्षेत्र की लीज 2023 में ही समाप्त हो गई थी टोंक में पहुंची सीबीआई टीम
जयपुर-कोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के धांधोली मोड़ स्थित बजरी रॉयल्टी नाके पर शनिवार को सीबीआई टीम संभावित बजरी खनन एवं परिवहन मामले को लेकर नाके में घंटों तक दस्तावेज खंगालने के साथ जांच में जुटी रही।
सीबीआई ने नही डाली दबिश
बजरी कारोबारी मेघराज सिंह शेखावत ने एक बयान जारी करके कहा कि मेरे किसी ठिकानों पर सीबीआई ने दबिश नहीं दी है। राजस्थान हाईकोर्ट ने दिए थे निर्देश
अदालत ने सीबीआई को चंबल और बनास नदियों के आस-पास के इलाकों में इसी तरह के माफियाओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करने के लिए भी कहा है, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने एक नया मामला दर्ज किया है। शनिवार को छापेमारी अवैध बजरी खनन के संबंध में दर्ज एफआईआर की जांच के तहत की गई।
न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई
बूंदी पुलिस ने 29 सितंबर 2023 को 10 डंपर अवैध बजरी के पकड़े थे। इनमें से एक डंपर अवैध बजरी का जहाजपुर का था। इस मामले में सदर थाना पुलिस ने मामला दर्ज किया। न्यायालय ने जहाजपुर के डंपर चालक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में पहुंचा। न्यायालय ने सरकार व पुलिस को इस मामले की गंभीरता से जांच करने के आदेश दिए। सरकार के गंभीरता से नहीं लेने पर न्यायालय ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के आदेश दिए।