पहले सुनवाई का आदेश अब सार्वजनिक
बताते चलें कि, न्यायाधीश अशोक कुमार जैन ने डॉ. टी एन शर्मा की याचिका पर सुनवाई 14 अक्टूबर तक टालते हुए यह आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने इस याचिका पर पिछले दिनों सुनवाई की, जिसका आदेश अब सार्वजनिक हुआ है। याचिका में डीओआईटी के तत्कालीन उपनिदेशक कुलदीप यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की ओर से पेश एफआर को चुनौती दी गई है।
कोर्ट ने भ्रष्टाचार पर तल्ख टिप्पणी करते कहा कि यहां राजनीतिक या नौकरशाही का प्रभाव और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 19 के तहत मिली छूट भ्रष्ट लोगों की मदद करते है। कोर्ट ने भ्रष्टाचार की तुलना कैंसर से की है।
DOIT में भ्रष्टाचार से जुड़ा है मामला
याचिकाकर्ता शर्मा के अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी ने न्यायालय को बताया कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में हजारों करोड रुपए का भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कार्रवाई नहीं हो रही। 17750 वाईफाई प्वाइंट के कार्य आदेश से संबंधित मामले में कुलदीप यादव राजनेट प्रोजेक्ट का प्रभारी रहा।
इसी विभाग के एक अधिकारी से उसके कार्यालय की अलमारी से सोना और ढाई करोड़ रुपए बरामद हुए। ऐसे में विभाग में पांच साल में हुए टेंडरों की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराई जाए। जांच के लिए एसीबी के डीजी ने भी सहमति दी।