न्यायाधीश समीर जैन ने कुलदीप जैमन की याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने आरपीएससी को एक माह में हर्जाना राशि याचिकाकर्ता को भुगतान करने का निर्देश दिया, वहीं इस बात पर नाराजगी जताई कि आरपीएससी के अनावश्यक बाधा उत्पन्न करने से नेत्रहीन परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गया। इस मामले में अधिवक्ता शोवित झाझड़िया ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने आरएएस भर्ती-2021 के लिए आवेदन किया और भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए वह 27 अक्टूबर, 2021 को अलवर स्थित परीक्षा केंद्र पर पहुंचा। दो दिन पहले सहायक की सूचना नहीं देने और दिव्यांगता प्रमाण पत्र साथ नहीं लाने के कारण उसे परीक्षा में शामिल होने से वंचित कर दिया।