बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के एडवोकेट ने दिया जवाब
इस सवाल के जवाब में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने कोर्ट को बताया, साल 2013 में नियम भी बनाए गए थे। जिसे लेकर बार एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। वर्ष 2017 में हाईकोर्ट ने बीसीआर के नियम रद्द कर दिए थे। एडवोकेट प्रतीक कासलीवाल ने बताया सभी बार एसोसिएशन के संविधान अलग-अलग हैं। ऐसे में बीसीआर के नियम उन सभी पर थोपे नहीं जा सकते हैं। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट से आग्रह किया कि वे ही इस पर कोई फैसला करें।
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एक बार में वोट कास्ट, दूसरी बार वोटिंग नहीं
दी बार एसोसिएशन ऑफ जयपुर के चुनाव 28 अगस्त को होने थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ये चुनाव एक बोर्ड, एक बार के नियम के तहत कराए जा रहे थे। नियमों के तहत एक वकील एक बार में ही वोट कर सकता है, यानी किसी वकील ने किसी एक बार में वोट कास्ट किया है, तो वह दूसरी बार में वोटिंग नहीं कर सकता है।
बीसीआर में 1.4 लाख एकवोकेट्स रजिस्टर्ड
राजस्थान हाईकोर्ट ने इसका रास्ता निकालते हुए कहा, अब बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही डेट को होंगे। राजस्थान में 250 बार एसोसिएशन रजिस्टर्ड हैं। इसमें हाईकोर्ट, सेशन कोर्ट, आयोगों की बार समेत अन्य हैं। बीसीआर में कुल एक लाख 4 हजार एकवोकेट्स रजिस्टर्ड हैं।
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