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कर्नाटक में मिली हार से भाजपा चिंतित है, क्योंकि राजस्थान का कर्नाटक से कनेक्शन सदियों से चला आ रहा है। यही वजह थी कि कर्नाटक में वोटिंग वाले दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने करीब साढ़े छह घंटे उदयपुर-जोधपुर में बिताए थे और अपने भाषण में उन्होंने इस इलाके के कर्नाटक में जाकर बसने वालों लोगों का जिक्र भी किया। राजस्थान के पाली, जालोर, सिरोही, जोधपुर और डूंगरपुर जिले के काफी लोग कर्नाटक में रहते हैं। यहां के आदिवासी कर्नाटक में जाकर बस चुके हैं। उन्हें वहां हक्की-पिक्की समुदाय के नाम से जाना जाता है। इनको रिझाने की भी पीएम ने दस मई को कोशिश की थी।
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चेहरे की लड़ाई भी भारी
भाजपा ने कुछ समय यह ट्रेंड चलाया है कि स्थानीय चेहरों की जगह पीएम नरेन्द्र मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। कई राज्यों में यह देखने को भी मिला है। राजस्थान में भी ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं, लेकिन यहां चेहरों की लड़ाई लंबी है। करीब आठ नेता ऐसे हैं, जिनमें सीएम बनने की इच्छा प्रबल है। यह नेता एक-दूसरे को सपोर्ट करने की जगह आपस में ही काट करने में लगे हुए हैं। ऐसे में यदि यह लड़ाई लंबी चली तो पार्टी को नुकसान का डर है।