खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए राजस्थान सरकार का नया रोड मैप
प्रदेश के खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए अब एग्रेसिव मार्केटिंग तकनीक का उपयोग भी किया जाएगा। सरकार राज्य के खनिज प्लॉटों की नीलामी के लिए एग्रेसिव मार्केटिंग तकनीक को अपनाते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार करेगी, ताकि प्रदेश की माइनिंग लीजों की नीलामी में राज्य सरकार को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा पारदर्शी व्यवस्था के तहत भारत सरकार के पोर्टल पर ई—नीलामी की जाती है, इससे देश दुनिया में कहीं से भी कोई भी इच्छुक व्यक्ति नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
सोशियल मीडिया का उपयोग सरकार ने अब मिनरल प्लॉट के स्थान, क्षेत्रफल, संभावित डिपोजिट व ऑक्शन की दिनांक सहित आवश्यक जानकारी का समावेश करते हुए प्रचार-प्रसार के लिए सोशियल मीडिया और प्रचार की आधुनिकतम तकनीक का उपयोग करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की तस्वीर, वीडियो क्लिपिंग्स व डिटेल्स तैयार कर वाट्टसएप, फेसबुक, यू ट्यूब, ई मेल व अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार किया जाएगा ताकि ऑक्शन के संबंध में अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंच सकें और ऑक्शन में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा के साथ ही अधिक राजस्व प्राप्त हो सके।
मिनरल ब्लॉकों की नीलामी प्रीमियम दरों विभाग द्वारा मेजर और माइनर दोनों ही तरह के मिनरल ब्लॉकों के ऑक्शन कार्य में तेजी लाई गई है। अब प्रदेश के मिनरल ब्लॉकों की नीलामी प्रीमियम दरों पर होने लगी है। आरएसएमईटी व्यापक सोशियल मीडिया का उपयोग सुनिश्चित करेगी। ट्रस्ट द्वारा खनिज खोज कार्य को गति देने के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही तकनीकी मार्गदर्शन व वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।
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