Rajasthan : मंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी का इस्तीफा मंजूर, अब किसे मिलेंगे उनके 4 विभाग, जानें
Surendra Pal Singh TT Resignation Accepted : राजस्थान सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी कांग्रेस प्रत्याशी रूपिन्दर सिंह कुन्नर से करणपुर विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह के भेजे इस्तीफे को राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वीकार कर लिया है। अब सवाल है कि उनके पास चार विभाग थे। अब ये विभाग किसे मिलेंगे। मंत्रिमंडल की 6 सीटें अभी भी खाली हैं।
राजस्थान सरकार में मंत्री बनाए गए सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी कांग्रेस प्रत्याशी रूपिन्दर सिंह कुन्नर से करणपुर विधानसभा चुनाव हार गए। इसके बाद राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह के भेजे इस्तीफे को राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वीकार कर लिया है। मतदान वाले दिन पांच जनवरी की शाम को सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को को कृषि विपणन, कृषि सिचिंत क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता, इंदिरा गांधी नहर, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। उनके पास चार विभाग थे। अब सवाल है कि ये विभाग किसे मिलेंगे। मंत्रिमंडल की 6 सीटें अभी भी खाली हैं। वर्तमान भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल की तीस में से 25 सीटें भरी हुई हैं। एक सीएम, दो डिप्टी सीएम, 12 कैबिनेट मंत्री, 5 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, पांच राज्यमंत्री शपथ लेकर काम कर रहे हैं। सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को तीस दिसम्बर को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में शपथ दिलवाई गई थी।
सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी का इस्तीफा मंजूर
करणपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रूपिन्दर सिंह कुन्नर ने भाजपा प्रत्याशी और मंत्री बनाए गए सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को हरा दिया है। कुन्नर ने भाजपा प्रत्याशी और राज्यमंत्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को 11 हजार 283 वोटों के अंतर से मात दी। हारने के बाद सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने देर शाम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को अपना इस्तीफा भेज दिया। मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद में राज्यपाल कलराज मिश्र ने टीटी के त्यागपत्र को स्वीकार कर लिया है।
सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी संभवत: ऐसे पहले मंत्री हैं, जो विधायक बने बिना मंत्री बने और मंत्री पद की शपथ लेने के बाद चुनाव हार गए। सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की हार से भाजपा सरकार और संगठन दोनों को बड़ा झटका लगा है। सरकार बनने के बाद भाजपा की यह पहली सियासी परीक्षा थी, जिसे सत्ता और संगठन दोनों मिलकर पास नहीं कर सके।