ऐसे में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने
राजस्थान विधानसभा में मंत्री की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि ‘आप कितनी ही जांच करवा लो, लेकिन इन दोनों (गोल्फ व अन्य क्लब) का कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।’ इस पर खर्रा ने कहा था ‘ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर’।
सुप्रीम कोर्ट में यह मामला
राजस्थान हाईकोर्ट ने एमओयू बिना गोल्फ क्लब में चल रही गतिविधि को गलत बताया। इस आदेश के खिलाफ गोल्फ क्लब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इसमें सरकार को जवाब देना है कि गोल्फ क्लब का संचालन नियम और एमओयू के तहत हो रहा है या नहीं।
विधानसभा में मंत्री खर्रा ने यह कहा था
एग्जीक्यूटिव व प्रबंध समिति की वित्तीय अनियमितताओं और विधान के खिलाफ जाकर जो भी गड़बड़ियां हुई हैं, उसकी एसओजी से जांच कराएंगे। सारे नाम भी सामने आ जाएंगे। दिल्ली गोल्फ क्लब जिस तरह दिल्ली विकास प्राधिकरण संचालित कर रहा है, उसकी तर्ज पर काम हाथ में लिया जाएगा।
अब मंत्री खर्रा ने ये कहा
पत्रिका से बातचीत में नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने खर्रा ने कहा कि, एसओजी जांच से पहले सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में जाएंगे। पुख्ता तरीके से काम होगा, ताकि जब एसओजी की जांच हो तो उसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं आए।