दिवाली बाद सजने लगा चुनावी बाजार, प्रत्याशी की फोटो वाली टी-शर्ट और टोपी का क्रेज
पुलिस कमिश्नरेट में आला अधिकारियों के स्टाफ में चर्चा चल रही थी कि इस बार किसी की भी एकतरफा जीत नजर नहीं आ रही। जयपुर की कई सीटों पर कांटे की टक्कर लग रही है। स्वास्थ्य भवन के एक कक्ष में बैठे कर्मचारी और अधिकारी भी चुनावी गुणा-भाग लगाते हुए नजर आए। लोगों के कामकाज के बारे में पूछने पर इन कार्मिकों का कहना था कि अभी तो कामकाज से ज्यादा सरकार किसकी बन रही है, इसमें ही रुचि है।
सचिवालय-स्वागत कक्ष से लेकर मुख्य भवन तक सन्नाटा
पत्रिका ने चुनावी माहौल के बीच गुरुवार को सचिवालय में कामकाज की स्थिति को लेकर पड़ताल की। आचार संहिता से पहले सचिवालय में प्रवेश के लिए प्रतिदिन 2 हजार से ज्यादा पास बन रहे थे, वहीं अब 100 पास भी नहीं बन रहे। यहां स्वागत कक्ष में सन्नाटा दिखा। सचिवालय के मुख्य भवन, खाद्य भवन और एसएसओ भवन में संचालित विभागों में कर्मचारी कम दिखे। कुछ विभागों में तो लगभग सभी कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में जाने से कमरे खाली दिखे और फाइलों का ढेर नजर आया। मुख्य भवन के राजस्व, गृह, चिकित्सा शिक्षा और सामान्य प्रशासन विभाग में भी ऐसा ही हाल देखने को मिला।
जलदाय विभाग: ज्योति नगर कार्यालय में सन्नाटा
जलदाय विभाग के ज्योति नगर कार्यालय में सन्नाटा था। अधिशासी अभियंता देवेन्द्र शर्मा अपने कक्ष में बैठे मिले। कार्यालय में कर्मचारी नहीं होने पर कहा कि 80 प्रतिशत स्टाफ चुनाव ड्यूटी में है और मैं भी चुनाव ट्रेनिंग से आया हूं। कर्मचारी नहीं होने के कारण कामकाज ठप पड़ा है। चुनाव के बाद ही कामकाज सामान्य हो सकेगा।
सचिवालय के पास पार्किंग की समस्या नहीं
आचार संहिता लगने से पहले सचिवालय, स्वास्थ्य भवन के आस-पास चौपहिया तो दूर दोपहिया वाहन खड़ा करने के लिए भी लोग परेशान होते थे। लेकिन अब यहां वाहनों की कोई रेलमपेल नहीं है। सचिवालय की पार्किंग में भी वाहन खड़ा करने में कोई दिक्कत नहीं आ रही।
लगता था नौकरी मांगने वालों का जमावड़ा
स्वास्थ्य भवन के सामने अशोक उद्यान में प्रदेश भर से सरकारी नौकरी लगने की आस में बेरोजगार व विभिन्न संगठन के लोगों का जमावड़ा रहता था। लेकिन इन दिनों पार्क में सन्नाटा छाया हुआ है। पार्क में एक-दो लोग ही बैठे नजर आए।
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कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में, परिवादी को सौंपा पत्र
सचिवालय में कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी में जाने का नियमित कामकाज पर भी असर देखने को मिला। गुरुवार को भिवाड़ी से रोहित सचिवालय में गृह विभाग के प्रमुख सचिव आनंद कुमार से मिले। उन्होंने तत्काल निष्पक्ष कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र तैयार करवा दिया। लेकिन कर्मचारी नहीं होने के कारण पत्र ईमेल नहीं हो सका तो रोहित को ही दे दिया।