जानकारों की मानें तो मानसून की कमी के बीच गर्मी बढ़ना और तेजी से बिजली डिमांड बढ़ने से ट्रांसफार्मर फेल हो रहे हैं। कमी के चलते ट्रांसफार्मरों पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में ट्रांसफार्मर फेल हो रहे है। दिनों—दिन ट्रांसफार्मर की डिमांड बढ़ती जा रही हैै। बिजली महकमे ने वित्तीय वर्ष 2021—22 से अब तक एक लाख 78 हजार, 810 ट्रांसफार्मर खरीद किए है, इनमें सिंगल फेज और थ्री फेज दोनों ट्रांसफार्मर है। इनमें सबसे अधिक एक लाख 3 हजार 660 थ्री फेज के ट्रांसफार्मरों की खरीद की गई, जिसमें 5, 10, 16 और 25 केवीए के ट्रांसफार्मर शामिल है, जबकि 16, 25, 40, 63, 100 व 160 केवीए के थ्री फेज ट्रांसफार्मर शामिल है।
साल—दर—साल ट्रांसफार्मर की खरीद
वर्ष — सिंगल फेज ट्रांसफार्मर — थ्री फेज ट्रांसफार्मर
2021—22 — 24832 — 45328
2022—23 — 34074 — 36440
एक अप्रेल से अब तक — 15904 — 21892
नहीं मिल रहे नए कनेक्शन
जानकारों की मानें तो अभी 5 से 8 हजार से ट्रांसफार्मरों की कमी बनी हुई है। इससे लोगों ने कृषि कनेक्शन नहीं मिल पा रहे है, वहीं आए दिन ट्रांसफार्मरों पर विद्युत का दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे जले ट्रांसफार्मरों की संख्या बढ़ती जा रही है।
ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वालों की आनाकानी
हालत यह है कि पैसा नहीं मिलने पर अब ट्रांसफार्मर सप्लाई करने वाली कंपनियों ने भी आनाकानी शुरू कर दी है। हाल ही में हुई विद्युत निगमों के अधिकारियों की बैठक में इसका खुलासा हुआ है। मामले में डिस्कॉम्स के अध्यक्ष ने मध्यस्थता करते हुए जल्द ही बकाया चुकाने का आश्वासन दिया है। अधिकारिक जानकारी के अनुसार, विद्युत वितरण कंपनियों पर वर्तमान वित्तीय वर्ष में ट्रांसफार्मर कंपनियों का करोड़ों रुपए बकाया चल रहा है।
देखभाल की कमी ने बढ़ाई डिमांड
जानकारों की मानें तो शहरी क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर पर दबाव बढ़ने पर उसे कंट्रोल कर लिया जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में देखभाल करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक ट्रांसफार्मर जलने व खराब होने के मामले सामने आते है। ट्रांसफार्मर को समय पर चेक नहीं किया जाता है। वहीं फ्यूज भी सही नहीं बांधने से ट्रांसफार्मर जल रहे है, जानकारों का कहना है कि बिजली महकमे में लंबे समय से फ्यूज वायर ही नहीं खरीदे गए है।
ट्रांसफार्मर जलने के ये भी कारण
ट्रांसफार्मर पर अधिक दबाव होना
फ्यूज मोटे तार से बांधना
प्रोटेक्शन सिस्टम सही नहीं होना
अर्थिंग सही नहीं होना
लाइने लंबी होना
सीएम के निर्देश
सीएम अशोक गहलोत ने पिछले सप्ताह अधिकारियों को बिजली आपूर्ति के संबंध में दिशा—निर्देश जारी किए थे, इसमें विशेष रूप से जले हुए ट्रांसफार्मरों को प्राथमिकता से बदलने के लिए कहा गया था।
महंगी बिजली की खरीद
राजस्थान डिस्कॉम्स के अध्यक्ष भास्कर ए सांवत का कहना है कि अगस्त में मानसून की कमी की वजह से बिजली की मांग में अप्रत्याशित बढोतरी हुई है और मांग 17000 मेगावाट तक पहुंच गई है। बिजली की बढी हुई मांग को पूरा करने के लिए एनर्जी एक्सचेंज से मंहगी दरों पर 10 रुपए प्रति यूनिट तक भी बिजली खरीदनी पड़ रही है। दूसरा पावर प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति के लिए कोल इण्डिया लिमिटेड को एडवांस पेमेन्ट करना पड़ता है। इन सब वजह से ट्रांसफार्मर सप्लायर्स के पेमेन्ट में कुछ देरी हुई है।
अगस्त तक का पेमेंट शीघ्र
जयपुर डिस्काॅम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत का कहना है कि जयपुर डिस्काॅम द्वारा 31 अगस्त तक का पेमेन्ट शीघ्र ही कर दिया जाएगा।
पेमेंट के कारण दिक्कत
आरटीएमए अध्यक्ष ताराचन्द चौधरी का कहना है कि पेमेन्ट में हुई देरी की वजह से ट्रांसफार्मरों की आपूर्ति में कुछ दिक्कत आई है। हम शीघ्र ही इसकी आपूर्ति को बढा देगें।