परियोजना में तेजी के लिए प्रयास की जरूरत
चंबल, कूल, पार्वती, कालीसिंध, मेज और बनास नदी से 3500 एमसीएम जल उपयोग के लिए ही ईआरसीपी-पीकेसी योजना तैयार की गई है। इसके लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और भारत सरकार के बीच 28 जून 2024 को त्रिपक्षीय समझौता होने के बाद डीपीआर तैयार करने को लेकर राजस्थान सरकार ने जरूरी दस्तावेज राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) को भेज दिए हैं। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दस्तावेज नहीं भेजे जाने से डीपीआर का काम नहीं हो पा रहा।
जयपुर, अजमेर, टोंक की बढ़ी चिंता
20 वर्षों में बीसलपुर बांध मात्र 6 बार पूर्ण भरा है। बांध में पेयजल के लिए आरक्षित 16.2 टीएमसी पानी बरसात के दिनों में नहीं आ रहा। पानी कम आने पर 3 जिलों के लिए संकट खड़ा हो जाता है। यही वजह है कि 16.2 टीएमसी की जगह पेयजल के लिए पीएचईडी 12 टीएमसी ही पानी उपयोग में ले पा रही है। किसानों के पानी में भी कटौती की जा रही है। बांध का 16.2 टीएमसी पानी भी 2027 तक ही इन जिलों की प्यास बुझा सकता है। फिर पानी के लिए बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा।
चंबल नदीं का 16 बीसलपुर बांध के बराबर व्यर्थ बह रहा पानी
सिंचाई विभाग के जानकारों के मुताबिक चंबल नदी के पानी का प्रबंधन नहीं होने से 16 बीसलपुर बांध भराव क्षमता के बराबर पानी व्यर्थ बह जाता है। ईआरसीपी-पीकेसी 3500 एमसीएम पानी को लेकर बनाई गई है। लेकिन एक अनुमान के मुताबिक चंबल नदी से हर साल बरसात के दिनों में 19000 एमसीएम पानी व्यर्थ बह रहा है। यह पानी योजना के अमल में आने से बीसलपुर, ईसरदा व अन्य बांधों में भरा जा सकता है।
यों समझें चंबल के ओवरफ्लो पानी का महत्व
हर 10 साल में करीब 7 बार मानसून में चंबल नदी में बाढ़ आती है और यह अमूल्य पानी यमुना नदी में चला जाता है। केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़ों के अनुसार करौली जिले से 16000 एमसीएम और धौलपुर जिले से 19000 एमसीएम पानी यमुना नदी में व्यर्थ बह जाता है। चंबल में बाढ़ आने पर एक दिन में ही 5 से 6 हजार एमसीएम पानी बह जाता है। जबकि चंबल नदी के किनारे राजस्थान का एक बड़ा हिस्सा पानी संकट से जूझता रहता है।
- बांधों की कुल भराव – 12664.43
- 30 सिंतबर 2023 को पानी – 9649.03
- 16 मई 2024 को पानी – 4484.94
- 15 दिन में पानी में कमी 166.46
- 22 बड़े बांधों में पानी – 3917.54
- 259 बांध 4.25 एमक्यूएम क्षमता के जिनमें पानी – 519.17
- 407 बांध 4.25 एमक्यूएम से कम क्षमता के जिनमें पानी – 48.24