कांग्रेस की ओर से शनिवार को जारी बयान में पायलट ने कहा कि प्रधानमंत्री को राजस्थान बुलाकर लाभार्थियों से संवाद के नाम पर पहले ही जनता को भ्रमित किया जा चुका है। अब इस सरकार के कार्यकाल में नौकरी पर लगे शिक्षकों को शिक्षक दिवस पर सम्मानित करने के नाम पर लाभार्थियों के रूप में एकत्रित करना भाजपा सरकार के भीतर आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर व्याप्त हार के भय का परिचायक है।
साथ ही पायलट ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के लाभार्थियों का सम्मेलन करने की तैयारी कर रही है। जबकि सरकारों का मूल रूप से तो यही काम है। ऐसे में हर काम अब जनता को गिनाया जा रहा है। अब तक जनता की अनदेखी करती रही भाजपा सरकार समाज को जाति व धर्मों में बांटकर विघटनकारी सोच को पनपा रही है। उन्होंने कहा कि हर मोर्चे पर विफल रहने वाली भाजपा सरकार सतत् प्रक्रिया के तौर पर मुख्य धारा से जुडऩे वाले समाज के वर्गों को लाभार्थी दर्शाकर उनके मान-समान के खिलाफ काम कर रही है।
शिक्षकों को लाभार्थी बताना नैतिक तौर पर गलत है, क्योंकि हर सरकार के कार्यकाल में सरकारी नियुक्ति होती हैं। इसमें सरकार ने कौन सा अनूठा काम किया है? जबकि भ्रष्टाचार को संस्थागत कर अपने नीहित स्वार्थ साधे हैं और सरकार धन की लूट की है।